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सामान्य व्यक्ति के समान मानसिक रोगी से किया जाए व्यवहार : डीएम

मानसिक स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता का मुख्य निर्धारक होने के साथ-साथ सामाजिक स्थिरता का भी आधार होता है। समाज में मानसिक रोगियों की संख्या अधिक होती है तो वहां की व्यवस्था व विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मानसिक स्वास्थ्य संगोष्ठी एवं परामर्श शिविर का आयोजन उत्सव पैलेस रामलीला मैदान में किया गया। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि किसी मानसिक रोगी के साथ एक सामान्य व्यक्ति के समान व्यवहार किया जाए। वह एक महत्वपूर्ण सम्मान की स्थिति होती है। संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर किसी व्यक्ति बच्चे एवं महिलाओं की मदद करके उनको मानसिक तनावमुक्त किया जा सकता है। कहा कि शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति भी मानसिक रूप से पीड़ित हो तो उसके स्वस्थ होने का कोई मतलब नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 11:10 PM (IST)
सामान्य व्यक्ति के समान मानसिक रोगी से किया जाए व्यवहार : डीएम
सामान्य व्यक्ति के समान मानसिक रोगी से किया जाए व्यवहार : डीएम

जागरण संवाददाता, रामपुर : मानसिक स्वास्थ्य जीवन की गुणवत्ता का मुख्य निर्धारक होने के साथ-साथ सामाजिक स्थिरता का भी आधार होता है। समाज में मानसिक रोगियों की संख्या अधिक होती है तो वहां की व्यवस्था व विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मानसिक स्वास्थ्य संगोष्ठी एवं परामर्श शिविर का आयोजन उत्सव पैलेस रामलीला मैदान में किया गया।

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जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह ने कहा कि किसी मानसिक रोगी के साथ एक सामान्य व्यक्ति के समान व्यवहार किया जाए। वह एक महत्वपूर्ण सम्मान की स्थिति होती है। संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर किसी व्यक्ति, बच्चे एवं महिलाओं की मदद करके उनको मानसिक तनावमुक्त किया जा सकता है।

कहा कि शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति भी मानसिक रूप से पीड़ित हो तो उसके स्वस्थ होने का कोई मतलब नहीं है। मानसिक रूप से प्रभावित व्यक्ति अपने परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। मानसिक प्रताड़ना का शिकार हर व्यक्ति हर रोज किसी समस्या से प्रभावित होता है। ऐसे व्यक्ति को किसी विशेष शब्द या टिप्पणी के साथ संबोधित करने से बचना चाहिए। कहा कि यदि आज नहीं जगे तो हमारा भविष्य खराब हो सकता है। समय रहते इसके निवारण की आवश्यकता है। कुछ छोटी-छोटी सर्तकता के साथ समाज व वातावरण में बदलाव लाया जा सकता है। सभी को एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील व्यवहार की जरूरत है। इस दौरान अन्य जनपदों से आए चिकित्सकों ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। रोग के लक्षण, कारण एवं निवारण के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी, डॉ. धनंजय, डॉ. अनिरूद्ध समेत अन्य चिकित्सकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।


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