रामपुर में साढ़े तीन सौ मरीजों ने बिना इलाज के ही जीत ली कोरोना से जंग
मुस्लेमीन रामपुर करोना से बचाव के लिए संतुलित आहार और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी
मुस्लेमीन, रामपुर: करोना से बचाव के लिए संतुलित आहार और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। ऐसा करके जिले के 350 लोगों ने बिना इलाज के ही कोरोना से जंग जीत ली है। इन लोगों को पूरी तरह स्वस्थ मानते हुए अस्पताल से घर भेज दिया गया है। इनमें जिला अस्पताल का वार्ड ब्वाय, सफाई कर्मी, टांडा के नायब तहसीलदार का ड्राइवर और होमगार्ड भी शामिल हैं।
रामपुर में अब तक 454 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें 371 स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि छह लोगों की मौत हो चुकी है। जो लोग स्वस्थ हुए हैं, उनमें 350 ऐसे हैं, जिनमें बीमारी का कोई लक्षण ही नहीं था। इस कारण इन्हें कोई दवा भी नहीं दी गई और बिना इलाज के ही स्वस्थ होकर घर लौट आए। अस्पताल में दवा न मिलने पर दो युवकों ने वीडियो बनाकर विरोध भी जताया। कहा कि जब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं तो उन्हें अस्पताल में भर्ती क्यों किया गया है और अगर बीमार हैं तो दवा क्यों नहीं दी जा रही है। उन्होंने प्रशासन की कार्यशैली पर भी उंगली उठाई। इसपर उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज हुए। इनमें एक युवक जिला अस्पताल का वार्ड ब्वाय, जबकि दूसरा मिलक के खमरिया गांव का है। इन दोनों की रिपोर्ट भी बाद में निगेटिव मिली। पहले पॉजिटिव और फिर निगेटिव रिपोर्ट मिलने पर 371 मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ मानते हुए जौहर यूनिवर्सिटी के अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। जिन लोगों की मौत हुई है, उनका इलाज भी मुरादाबाद में हो रहा था, वहीं मौत हुई। संतुलित आहार जरूरी
जिला अस्पताल के डॉ.अशरफ कहते हैं कि कोरोना ऐसी बीमारी है, जिससे संक्रमित 80 फीसदी लोगों में कोई लक्षण नहीं पाया जाता है। 20 फीसदी लोगों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है और इनमें ही पांच या छह फीसदी लोग ऐसे होते हैं, जो आइसीयू में भर्ती किए जाते हैं, लेकिन रामपुर में अभी तक कोई भी कोरोना संक्रमित इतना गंभीर नहीं आया कि उसे आइसीयू में भर्ती कराया जाए। कोरोना वायरस से बचाव के लिए संतुलित आहार और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी जैसे नींबू, आंवला, संतरा आदि लेने की जरूरत है। इसके अलावा ठंडा पानी, आइस्क्रीम न खाएं, बल्कि गर्म पानी का सेवन करें। खानपान पर विशेष जोर
जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के खानपान पर विशेष जोर दिया जाता है। सुबह-शाम नाश्ता कराया जाता है। इसमें चाय, बिस्कुट, ब्रेड दिए जाते हैं। दोपहर और रात में भोजन कराया जाता है। खाने में दाल, चावल, सब्जी, सलाद दी जाती है। जिन मरीजों में किसी बीमारी के लक्षण होते हैं, उन्हे उसी बीमारी की दवा दी जाती है। जिले में कोरोना संक्रमित बहुत कम मरीजों में ही खांसी, जुकाम और बुखार पाया गया है। दवा देने पर वे भी ठीक हो गए।