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कभी नवाबों की शान था रेलवे स्टेशन, अब कीमत रह गई मात्र 18.50 लाख

लोक निर्माण विभाग ने गुरुवार को नवाब खानदान की इमारतों की मूल्यांकन रिपोर्ट।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 02:20 AM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 02:20 AM (IST)
कभी नवाबों की शान था रेलवे स्टेशन, अब कीमत रह गई मात्र 18.50 लाख
कभी नवाबों की शान था रेलवे स्टेशन, अब कीमत रह गई मात्र 18.50 लाख

मुस्लेमीन, रामपुर: लोक निर्माण विभाग ने गुरुवार को नवाब खानदान की इमारतों की मूल्यांकन रिपोर्ट अदालत को सौंप दी। रिपोर्ट में नवाब रेलवे स्टेशन की कीमत मात्र 18.50 लाख आंकी गई है। यह रेलवे स्टेशन कभी नवाबों की शान हुआ करता था। लेकिन, अब बदहाल हो चुका है।

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नवाब खानदान की हजारो करोड़ की संपत्ति है, जिसके बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी है। गुरुवार को उनकी अदालत में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजीव कुमार वर्मा की ओर से रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में कोठी लक्खी बाग शाहबाद की कीमत 156.40 लाख, नवाब रेलवे स्टेशन की कीमत 18.50 लाख, कोठी बेनजीर की कीमत 22.70 और कुंडा की कीमत 5.80 लाख आंकी गई है। सप्ताहभर पहले कोठी खासबाग की मूल्यांकन रिपोर्ट दी थी, जिसकी कीमत 27 करोड़ 32 लाख 61 हजार आंकी गई थी। अधिशासी अभियंता श्री वर्मा का कहना कि नवाब खानदान की इमारते करीब सौ साल पुरानी हैं। अब इस्तेमाल करने लायक भी नहीं हैं। इनके स्क्रैप की वैल्यू आंकी गई है। कोठी लक्की बाग में दरवाजे तक नहीं बचे हैं। छत भी खराब हो चुकी है। रेलवे स्टेशन के यार्ड में टीन की छत है। इसकी इमारत भी बदहाल है। कोठी बेनजीर तो पूरी तरह गिर चुकी है। कुंडा में केवल दीवार की कीमत आंकी गई है। नवाब ने बनवाया था अपना स्टेशन रामपुर: नवाबी दौर भले ही खत्म हो चुका है, कितु उस दौर में बनी ऐतिहासिक इमारतें आज भी नवाबों के रुत्बे की गवाही दे रही हैं। इन्ही इमारतों में नवाब रेलवे स्टेशन भी शामिल है। नवाब हामिद अली खां के दौर में जब जिले से रेलवे लाइन गुजरी तो उन्होंने रेलवे स्टेशन के करीब ही अपने लिए अलग स्टेशन बनवाया था। यहीं से उनकी बोगी ट्रेन में जुड़ती थी। बाद में सरकारी नियमों के चलते इस पर रोक लग गई। देखरेख न होने से रेलवे स्टेशन की चमक भी फीकी पड गई। अब तो यह बदहाल हो चुका है। कभी शाही अंदाज में सजी रहने वाली बोगियों में जंग लग चुका है। नवाब ने कुल चार सैलून बनवाए थे। जिसमें नवाब साहब चलते थे वह पूरा कोच वातानुकूलित था। उसमें दो बेड रूम और बाथरूम भी था। बाद में दो बोगी सरकार को दे दी गई थीं। पिछले दिनों रेलवे ने अदालत में जो मूल्यांकन रिपोर्ट दी थी, उसमें दोनों बोगियों की कीमत 60 लाख आंकी गई थी। नवेद मियां ने जताई आपत्ति रामपुर: पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने कहा कि नवाब खानदान के लिए यह इमारतें बेशकीमती धरोहरें हैं। यदि यह इमारतें मेरी देखरेख में होतीं तो इनकी ऐसी बदतर हालत नहीं होती और इनकी कीमत लाखों के बजाय करोड़ों में होती। लोक निर्माण विभाग की मूल्यांकन रिपोर्ट पर उन्होंने कहा है कि लक्खी बाग कोठी शाहबाद की कीमत कम आंकी गई है। नवाब स्टेशन, कुण्डा और कोठी बेनजीर की मूल्यांकन राशि पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कोठी शाहबाद की वर्तमान कीमत 156.40 लाख आंकना गलत है। मैं स्वयं आर्किटेक्ट हूं और मेरी राय में इसकी कीमत इससे ज्यादा होनी चाहिए थी।


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