दुष्कर्मियों को नहीं सता रहा फांसी का डर
अगस्त को चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अदालत ने पांच सितंबर को आरोप तय करते हुए शीघ्र सुनवाई की और 1
जागरण संवाददाता, रामपुर : जिले में एक माह पहले ही अदालत ने दुष्कर्म के बाद हत्या करने के दोषी युवक को फांसी की सजा सुनाई थी। माना जा रहा था कि इस फैसले के बाद दुष्कर्म और छेड़छाड़ के मामलों में कमी आएगी। अपराधियों में फांसी का खौफ पैदा होगा, लेकिन लगता है कि जिले में दुष्कर्मियों को अभी सबक नहीं मिल सका है। यही वजह है कि साल के पहले माह में ही छेड़छाड़ और दुष्कर्म की आधा दर्जन से अधिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें एक घटना सोमवार रात को टांडा थाना क्षेत्र में हुई, जहां बाइक पर आ रहे दंपती को तीन बदमाशों ने रोककर लूटा। बाद में एक बदमाश ने महिला के साथ उसके पति के सामने ही दुष्कर्म किया। इस घटना से महिला दहशत में है। 20 जनवरी को शाहबाद कोतवाली क्षेत्र के ग्राम मित्तरपुर के जंगल में किशोरी की लाश मिली थी। वह 17 जनवरी से गायब थी। दुष्कर्म का विरोध करने पर उसकी हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें दो से पुलिस की मुठभेड़ हुई, जिसमें दोनों आरोपित पुलिस की गोली से घायल हुए थे।
इसके अलावा 13 जनवरी की रात शहजादनगर थाना क्षेत्र में ईंट भट्ठे पर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई। किशोरी वहां अपने पिता के साथ रहकर मजदूरी करती थी। बदमाशों ने उसके पिता को बंधक बनाकर दुष्कर्म किया था। इस मामले में जिलाधिकारी के आदेश के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था।
दुष्कर्म के बाद मासूम की हत्या करने पर मिली थी फांसी एक माह पहले अदालत ने ऐसे अपराधी को फांसी की सजा सुनाई थी, जिसने दुष्कर्म के बाद छह साल की बच्ची की हत्या कर दी थी। यह मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का था। यहां की एक कालोनी में रहने वाली छह साल की बच्ची सात मई 2019 को घर के बाहर खेलते समय गायब हो गई थी। डेढ़ माह बाद उसका शव कालोनी के पीछे एक अर्द्धनिर्मित मकान में मिला था। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि मुहल्ले का ही नाजिल बच्ची को बहाने से वहां ले गया था। उसके साथ दुष्कर्म किया। बाद में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी थी। लाश मिलने के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के 24 घंटे के अंदर ही उसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने दो अगस्त को चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अदालत ने पांच सितंबर को आरोप तय करते हुए शीघ्र सुनवाई की और 18 दिसंबर को फांसी की सजा सुनाई थी। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा का कहना है कि हत्या, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराध करने वालों को पुलिस किसी कीमत पर नहीं छोड़ेगी। ऐसे अपराधी जहां भी छुपे होंगे, उन्हें ढूंढ निकालेंगे और कड़ी से कड़ी सजा दिलाएंगे।