टांडा में आवारा कुत्तों का आतंक, घरों में कैद हुए बच्चे
जागरण संवाददाता टांडा नगर में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। ये कुत्ते अब तक कई मासूमों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर चुके हैं। इससे उनमें दहशत का माहौल है। बच्चों ने तो डर के कारण घरों से निकलना भी बंद कर दिया है।
जागरण संवाददाता, टांडा : नगर में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। ये कुत्ते अब तक कई मासूमों पर भी हमला कर उन्हें घायल कर चुके हैं। इससे उनमें दहशत का माहौल है। बच्चों ने तो डर के कारण घरों से निकलना भी बंद कर दिया है।
सप्ताह भर पहले आवारा कुत्तों ने मुहल्ला आजादनगर में पांच साल की बच्ची सना सहित तीन लोगों को काट कर घायल कर दिया था। दो दिन पहले मुहल्ला रांड में भी एक बच्चे के हाथ में काट लिया था। लगातार इस तरह की घटनाओं से अभिभावकों में भी भय बना हुआ है। वे भी छोटे बच्चों को घर से बाहर नहीं भेज रहे हैं। अधिशासी अधिकारी राजेश सिंह राणा का कहना है कि कुत्तों को पकड़ने के लिए टेंडर तो जारी कर दिया गया है। लेकिन, उसमें अभी देरी है। तब तक बिलासपुर में काम करी एनजीओ के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है। इसमें सफाई कर्मचारी भी शामिल रहते हैं। इस दौरान उनकी नसबंदी करने के साथ ही उन्हें इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं। इन कुत्तों को जंगल में छोड़ा जाएगा।
रईस अहमद सैफी ने बताया कि नगर में घूम रहे आवारा कुत्तों के लिए नगर पालिका को सख्त कदम उठाना चाहिए। नगर में छोटे बच्चे अक्सर घरों के सामने खेलते रहते हैं। उन्हें कब तक बंद करके रखा जा सकता है।
रिफाकत ने कहा कि आवारा कुत्तों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है, जो यदि समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया तो बड़ी समस्या बन जाएगी। इनके आतंक से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाने की जरूरत है।
नसीम अहमद ने बताया कि इन कुत्तों की संख्या बढ़ने से बहुत परेशानी सामने आ रही है। ये रात रास्तों में पड़े रहते हैं। ऐसे में अंधेरा होने की स्थिति में किसी आवश्यक कार्य से बाहर जाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस पर कंट्रोल होना जरूरी है।
अब्दुल रशीद ने बताया कि आवारा कुत्तों के झुंड के कारण अक्सर लोगों को विशेषकर छोटे बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर पालिका को इन्हें पकड़वा कर जंगल में छुड़वा देना चाहिए। शीघ्र समाधान होना चाहिए।