रामायण का पाठ करने वाले अध्यापकों को किया सम्मानित
रामपुर कोसी रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में भगवान वाल्मीकि के प्रकटोत्सव के उपलक्ष में हुए रमायण पाठ का रविवार को समापन हुआ।
रामपुर : कोसी रोड स्थित वाल्मीकि मंदिर में भगवान वाल्मीकि के प्रकटोत्सव के उपलक्ष में हुए रामायण पाठ का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर भावाधस की ओर से पाठ करने वाले 30 अध्यापकों को सम्मानित किया।अपर जिलाधिकारी प्रशासन जेपी गुप्ता ने कहा कि भगवान वाल्मीकि के प्रकटोत्सव के अवसर पर प्रदेश सरकार ने हर मंदिर में रामायण पाठ का आदेश कर एक अच्छी पहल की है। हमारे बच्चे संस्कार भूल रहे थे, जो संस्कार हमें अपने बच्चों को देने चाहिए, हम उनसे दूर हो रहे थे। सभी से रामचंद्र के आदर्शों को अपनाने पर जोर दिया। कहा कि वह अयोध्या के निवासी हैं। महर्षि वाल्मीकि ने अयोध्या का रामायण में इतना सुंदर वर्णन किया है कि उन्हें अयोध्या निवासी होने पर गर्व होता है। कहा कि रामायण हमें राज धर्म, पति धर्म, भाई धर्म, पिता-पुत्र धर्म की शिक्षा देती है, जो व्यक्ति इससे विपरीत जाता है संसार उसे घृणा की ²ष्टि से देखता है।
भावाधस के राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य ने कहा कि देश में रामायण का प्रचलन लगभग बंद हो गया था, लेकिन प्रदेश सरकार के इस प्रयास से जहां वाल्मीकि रामायण का प्रचार बढ़ेगा। वहीं लोगों के मन में भगवान वाल्मीकि के प्रति भी श्रद्धा पैदा होगी। इस अवसर पर उन्होंने पाठ करने वाले 30 अध्यापकों को सम्मानित किया। इसके बाद भंडारों हुआ, जिसमें भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस मौके पर मंदिर कमेटी के अध्यक्ष राम गोपाल कठेरिया, शंकर, बबलू, पवन अनार्य, शिवा दैत्य, एकलव्य वाल्मीकि, करन लाल, शरद राज, विनय, कमल द्रविड, शिवेंद्र भारती, राजेंद्र बाबू, अनिल गुडडू आदि मौजूद रहे।