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जिले में नहीं स्वाइन फ्लू के उपचार की सुविधा

रामपुर : अगर आपको दो दिन से ज्यादा बहुत तेज बुखार आ रहा है और सांस लेने मे दिक्कत हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 10:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 10:25 PM (IST)
जिले में नहीं स्वाइन फ्लू के उपचार की सुविधा
जिले में नहीं स्वाइन फ्लू के उपचार की सुविधा

रामपुर : अगर आपको दो दिन से ज्यादा बहुत तेज बुखार आ रहा है और सांस लेने मे दिक्कत हो रही है तो इसे सामान्य बुखार समझकर लापरवाही न करें। तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। यह स्वाइन फ्लू भी हो सकता है। अमूमन यह बारिश के दिनों में फैलता है। तब मौसम इस वायरस के अनुकूल होता है, जिसके चलते यह वायरस बेहद ताकतवर हो जाता है। हालांकि सर्दियों में भी यह वायरस पूरी तरह समाप्त नहीं होता है। इस मौसम में भी इस वायरस का अटैक हो सकता है। क्या है स्वाइन फ्लू

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स्वाइन फ्लू एक संक्रमण है जो इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होता है। इस प्रकार का वायरस अधिकतर सुअर में पाया जाता है इसलिए इसे स्वाइन फ्लू कहा जाता है। स्वाइन फ्लू और फ्लू के लक्षण समान होने की वजह से कई बार इसके बीच अंतर कर पाना मुश्किल होता है, इसलिए अगर आपको दो दिन से तेज बुखार आ रहा है और सांस लेने में दिक्कत है तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

संक्रमण से फैलता है स्वाइन फ्लू

यह संक्रमण रोग है, जो एक मरीज से स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है। ऐसे में मरीज के पास जाने से पहले मास्क लगाएं। अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें। किसी भी संक्रमित वस्तु को न छुएं। संक्रमित लोगों से दूरी बनाएं।

सरकारी अस्पतालों में नहीं है इलाज

जिले के सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं है। इलाज तो दूर की बात है, इस बीमारी की जांच की सुविधा तक नहीं है। इन बीमारियों से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग सिर्फ सेप¨लग तक सीमित है। बीमार व्यक्ति के खून का सेंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ भेजा जाता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इलाज के लिए मरीज को बाहर शहर में जाना पड़ता है। डेंगू या स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए जिला अस्पताल में वार्ड बना है, लेकिन यहां भी जांच के लिए कोई इंतजाम नहीं है। यहां भी सेंपल लेकर जांच के लिए बाहर भेजा जाता है। यह वार्ड भी तब खुलता है, जब बरसात में डेंगू, स्वाइन फ्लू आदि बीमारियां फैलती हैं। तब स्वास्थ्य विभाग की इन गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए कोई खास इंतजाम नहीं कर पाता है। सिर्फ पम्फलेट बांटकर लोगों को इन बीमारियों के लक्षण पहचानने के लिए जागरूक किया जाता है और इससे बचाव के तरीके बताए जाते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

उप निबंधक की स्वाइन फ्लू से मौत होने की जानकारी मिली है। महिला अधिकारी बरेली की रहने वाली थीं। चूंकि यह संक्रमित बीमारी है, इसलिए उन्हें कब से संक्रमण था। उनके कार्यालय में किसी अन्य कर्मचारी में तो इसके लक्ष्ण नहीं हैं। इसकी विस्तृत जानकारी कराई जाएगी। इस बीमारी के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इस पर शोध चल रहा है। बीमारी के लक्षण होने पर दवाओं से ही इसे ठीक किया जा सकता है।

डॉ. सुबोध कुमार शर्मा, सीएमओ।

क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण

- नाक का लगातार बहना, छींक आना

- कफ, कोल्ड और लगातार खांसी

- मांसपेशियां में दर्द या अकड़न

- सिर में भयानक दर्द

- नींद न आना, ज्यादा थकान महसूस होना

- दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना

- गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना भास्कर ¨सह


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