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गन्ने की ट्रैक्टर ट्रालियां बनीं मुसीबत, रोज लगा रहीं जाम

3 घंटे तक हर रोज लगता है बिलासपुर में हाईवे पर जाम 5 से अधिक ट्रेक्टर ट्रालियां रोजाना बनती हैं जाम का कारण 24 घंटे गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली बिलारी मुख्यमार्ग तक खड़ी रहती

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 11:10 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 11:10 PM (IST)
गन्ने की ट्रैक्टर ट्रालियां बनीं मुसीबत, रोज लगा रहीं जाम
गन्ने की ट्रैक्टर ट्रालियां बनीं मुसीबत, रोज लगा रहीं जाम

जागरण संवाददाता, रामपुर : गन्ने से भरी ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां राहगीरों के लिए मुसीबत बनती जा रही हैं। इनके कारण रोज सड़कों पर जाम लग रहा है। हादसे की भी आशंका बनी रहती है। शुक्रवार को भी गन्ने की ट्रालियों के कारण बिलासपुर में नैनीताल रोड पर दो घंटे जाम लगा रहा।

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बिलासपुर: रुद्र-बिलास चीनी मिल का पेराई सत्र शुरु होने के साथ ही गन्ने से भरी ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियां नगर से होकर गुजरने लगी हैं। नैनीताल रोड पर ओवरलोड ट्रालियों से हादसे की आशंका बनी रहती है। कई बार ट्रैक्टर ट्रालियों के फंसने से नैनीताल-रामपुर हाईवे पर जाम की स्थिति बनी रहती है। शुक्रवार दोपहर एक बजे भी अहरो तिराहे के पास गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्राली फंस गई। वाहनों को निकालने की आपाधापी में कुछ देर में ही भीषण जाम लग गया। देखते ही देखते हाईवे पर वाहनों की तीन-तीन कतारें लग गईं। पुलिस ने ट्रैक्टर ट्राली को निकलवाकर वनवे ट्रैफिक व्यवस्था करके जाम खुलवाया। यहां दो घंटे से अधिक समय तक जाम लगा। यात्रियों एवं छात्र-छात्राओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तहसीलदार महेंद्र बहादुर सिंह के मुताबिक क्षेत्र में अभियान चलाकर ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रालियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दढि़याल : चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू होते ही कस्बे स्थित टांडा-बाजपुर मार्ग पर मुख्य तिराहा गन्ने की मंडी में तब्दील हो जाता है। वाहनों के बेतरतीव खड़ा करने से जाम का झाम बना रहता है। काशीपुर-बाजपुर-मुरादाबाद जाने वाले छात्र-छात्राओं की बसें जाम में फंस जाती हैं। पुलिस भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। मिलक नारायपुर स्थित त्रिवेणी चीनी मिल में पेराई सत्र शुरू होते ही कस्बे समेत मुख्यमार्ग पर जाम का झाम बना रहता है। त्रिवेणी चीनी मिल के लिए स्वार-बाजपुर मार्ग से ओवरलोड गन्ने की ट्रैक्टर ट्राली से मार्ग पर जाम लगने की समस्या बनी रहती है। उधर सुबह से ही ग्रामीण इलाकों से बैलगाड़ी ट्रैक्टर ट्राली से गन्ना मंडी में बेचने का क्रम शुरू हो जाता है। लगभग सात बजे तक मुख्यमार्ग तथा मुख्य तिराहे पर बेतरतीव खड़े वाहनों से जाम लग जाता है। इससे स्कूली वाहन भी जाम का शिकार हो जाते हैं। लगने वाले जाम से अक्सर बच्चों को स्कूल पहुंचने में देर हो जाती है। त्रिवेणी चीनी मिल मुख्यमार्ग पर वाहनों को लंबी कतारें लग जाती हैं। दोनों साइडों में वाहन खड़े होने से अक्सर जाम की स्थिति बन जाती है। हालांकि मुख्य तिराहे दढि़याल पर रात में पुलिस पिकेट रहती है, परन्तु सुबह तड़के में पुलिस वहां से गायब हो जाती है। गन्ना किसान अपना गन्ना बेचने तथा धर्म कांटों पर तुलवाने की आपाधापी में अपने वाहनों को बेतरतीव खड़ा करने से जाम का झाम बना रहता है। पुलिस जाम खुलवाने के लिए कतई गंभीर नहीं है। उधर त्रिवेणी चीनी मिल के सहायक प्रबंधक जितेंद्र सिंह संधू का कहना है कि मुख्यमार्ग पर जाम न लगे इसके लिए मिल के सिक्योरिटी गार्डों की ड्यूटी लगाई है। बिलारी रोड पर भी लगता है जाम

शाहाबाद शाहबाद-बिलारी मार्ग पर जाना है तो जरा एक बार सोच लीजिए कि राणा शुगर मिल का पेराई सत्र शुरू हो गया है। यहां आप घंटों जाम में फंस सकते हैं। ओवरलोड गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली यहां अक्सर जाम का सबब बन जाती है। इस संबंध में हर वर्ष अधिकारियों को अवगत कराया जाता है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। शुगर मिल ने जाम की स्थिति से निपटने के लिए कोई बेहतर इन्तजाम नहीं किए हैं। अक्सर पुलिस को ही जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। गन्ने की खेती किसान काफी करते हैं। बाकी शुगर मिल पर बाहर के सेंटरों से भी गन्ने की सप्लाई की जाती है। हर सीजन में 24 घंटे गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली मुख्यमार्ग तक खड़ी रहती है। मिल गेट के दोनों ओर कई किलोमीटर तक गन्ने से भरी ट्रैक्टर ट्राली खड़ी रहती है। ट्रैक्टर ट्रालियों से दोनों ओर निकला गन्ना आधी सड़क तक घेर लेता है, जिससे मार्ग के दोनों ओर से आने वाले वाहनों को निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इससे निपटने के लिए शुगर मिल प्रशासन कोई कदम नहीं उठा रहा है। शुगर मिल प्रशासन को चाहिए कि मिल गेट के दोनों ओर यार्ड की व्यवस्था करें, जिसमे गन्ने से लदी ट्रालियों को सड़क से हटाकर यार्ड में खड़ा किया जा सके। शुगर मिल का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अक्सर मरीजों को लाने ले जाने वाली एंबुलेंस जाम का शिकार बन जाती है, जिसमे गंभीर स्थिति के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।


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