नागरिकता संशोधन कानून से समाज को बांटने की साजिश, सपाइयों ने दिया धरना
सपाइयों ने काली पटटी बांधकर कार्यालय के अंदर दिया धरना
जागरण संवाददाता, रामपुर : भाजपा सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून देश और समाज को बांटने की साजिश की है। इस बिल से समाज में तनाव और आक्रोश है। यह केंद्र सरकार की भ्रमित करने की राजनीति का हिस्सा है, ताकि जनता का ध्यान मूल मुददों और मंदी से भटकाया जा सके। इसलिए नागरिकता संशोधन कानून को निरस्त किया जाए। सपाइयों ने इस मांग को लेकर सपा कार्यालय में काली पटटी बांधकर धरना दिया। सांसद आजम खां भी धरने में शामिल हुए। बाद में कार्यालय की छत पर खड़े होकर भी कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।
प्रदेशव्यापी आहवान पर सपा कार्यकर्ता गुरुवार दोपहर पार्टी कार्यालय पहुंचे। हाथों में काली पटटी बांधे कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद सांसद आजम खां भी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून की स्थिति बहुत खराब है। महंगाई के कारण आम आदमी परेशान हैं। लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। सपाई करीब तीन घंटे तक धरना देते रहे।
इसके बाद उपजिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी सपा कार्यालय पहुंचे। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उन्हें सौंपा गया, जिसमें कहा गया है कि प्रदेश में हर तबका परेशान है। गन्ना मूल्य का भुगतान न होने से किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। नियमानुसार 14 दिन के अंदर गन्ना भुगतान हो जाना चाहिए, लेकिन मिलें ऐसा न कर मनमानी कर रही हैं। धान क्रय केंद्र भी सक्रिय नहीं हैं, बोरों की उपलब्धता नहीं है, आलू किसान भी परेशान हैं, खेतों में आलू सड़ रहा है। आलू के समर्थन मूल्य भी कम हैं। महंगाई से आम आदमी की कमर टूट गई है। प्याज, लहसुन जैसी रोजमर्रा की चीजें भी 200 रुपये किलो तक बिक रही है। ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा दिलाया जाए। दुष्कर्म और हत्या के दोषियों को 30 दिन के अंदर दंड दिलाया जाए। गन्ना मूल्य का भुगतान तुरंत कराया जाए। गन्ना मूल्य 325 से बढ़ाकर 450 रुपये प्रति कुंतल किया जाए। बंद चीनी मिलों को फिर चलवाया जाए। आलू का समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। बिजली की दरों में की गई वृद्धि वापस ली जाए। महंगाई पर नियंत्रण करने के साथ ही छात्रों की बढ़ी हुई फीस भी वापस ली जाए।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष अखिलेश कुमार, आसिम राजा, प्रमोद कुमार, मतलूब अहमद अंसारी, सिम्मी खानम, वसीम आदि रहे।