छात्रा से दुष्कर्म में शिक्षामित्र को 10 साल कैद की सजा
रामपुर छात्रा से दुष्कर्म के मामले में दोषी शिक्षा मित्र को पाक्सो एक्ट न्यायालय की विशेष न्यायाधीश नीलू मोघा ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है।
रामपुर : छात्रा से दुष्कर्म के मामले में दोषी शिक्षा मित्र को पाक्सो एक्ट न्यायालय की विशेष न्यायाधीश नीलू मोघा ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। 25 हजार का जुर्माना भी डाला है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार सक्सेना के मुताबिक दुष्कर्म का यह मामला पटवाई थाना क्षेत्र में सात साल पहले हुआ था। थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने शिक्षा मित्र दर्शन लाल के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उनकी 15 साल की बेटी गांव के ही जूनियर हाईस्कूल में पढ़ती थी। गांव ही दर्शन लाल वहां शिक्षामित्र था, जो उनकी बेटी पर बुरी नजर रखता था। बेटी ने इसकी शिकायत की तो पिता ने शिक्षामित्र से बात की तो उसने माफी मांग ली। इस घटना के छह माह बाद उसकी बेटी को उल्टी आने पर उससे पूछताछ की तो बेटी ने बताया कि जब वह खेत पर चारा लेने गई थी तो शिक्षामित्र वहां आ गया था। शिक्षामित्र का खेत भी उनके खेत के बराबर में है। उसने तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया था। किसी को बताने पर परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। छात्रा डर गई और उसने किसी को नहीं बताया। इसके बाद वह कई बार उसके साथ दुष्कर्म कर चुका है। इससे वह गर्भवती हो गई है। शिक्षामित्र ने उसे गर्भपात के लिए गोलियां भी खाने को दी थीं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जहां से बाद में वह जमानत पर छूट गया था। पुलिस ने विवेचना पूरी कर उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से शिक्षामित्र के खिलाफ कई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, जिस पर अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सजा सुनाई।