साक्ष्य के अभाव में पूर्व प्रधान की हत्या के आरोप से सात बरी
पांच साल पहले पूर्व प्रधान की हत्या के मामले में अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए सात लोगों को बरी कर दिया।
जागरण संवाददाता, रामपुर : पांच साल पहले पूर्व प्रधान की हत्या के मामले में अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए सात लोगों को बरी कर दिया। अभियोजन इनके खिलाफ आरोप साबित नहीं कर सका। घटना पहली जुलाई 2015 की रात 11 बजे हुई थी। स्वार कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बूढ़ी दढि़याल निवासी पूर्व प्रधान शमशेद अली पुत्र अली आजम मसवासी से घर लौट रहे थे। ग्राम मोतियापुरा और नरपतनगर के बीच में अवतार सिंह के डेरे पर बाजपुर की ओर से आ रही बोलेरो गाड़ी ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। इससे उनकी मौत हो गई थी। मृतक के भाई हिकमत अली ने घटना की रिपोर्ट अज्ञात में दर्ज कराई थी, जिसमें कहा था कि बोलेरो में सवार लोगों ने जानबूझकर उनके भाई की बाइक में टक्कर मारकर गिरा दिया था। उनकी हत्या करने के इरादे से बोलेरो गाड़ी को उनके ऊपर चढ़ाया था। पुलिस ने गैर इरादतन हत्या में मुकदमा दर्ज कर जांच की। जांच के दौरान सात नाम प्रकाश में आए थे। इनमें जब्बार, आसिफ, रियाजुल, राशिद, कामिल, जुल्फिकार और अरमान का नाम मुकदमे में शामिल करते हुए पुलिस ने सभी के खिलाफ चार्जशीट लगा दी थी। अदालत में मुकदमे की सुनवाई हुई। अभियोजन की ओर से 11 गवाह पेश किए गए और सजा की मांग की। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्रीराम अग्रवाल और सचिन अग्रवाल ने पैरवी की। उनका कहना था कि गवाह मृतक पक्ष के रिश्तेदार हैं। उनकी गवाही पर यकीन नहीं किया जा सकता। वादी का कथन भी साक्ष्यों से मेल नहीं खा रहा है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सातों को बरी कर दिया।