Move to Jagran APP

शिक्षक ने वेतन से पैसा लगाकर चमका दिया स्कूल

रामपुर : शिक्षक की मेहनत और लगन से पूर्व माध्यमिक विद्यालय रम्पुरा स्वच्छ और सुंदर बन गया।शाहबाद ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रम्पुरा में सुभाष पांडेय की तैनाती दो साल पहले बतौर प्रधानाध्यापक हुई थी। तैनाती के समय उनके विद्यालय की हालत सही नहीं थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 10:27 PM (IST)
शिक्षक ने वेतन से पैसा लगाकर चमका दिया स्कूल
शिक्षक ने वेतन से पैसा लगाकर चमका दिया स्कूल

रामपुर : शिक्षक की मेहनत और लगन से पूर्व माध्यमिक विद्यालय रम्पुरा स्वच्छ और सुंदर बन गया। शाहबाद ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय रम्पुरा में सुभाष पांडेय की तैनाती दो साल पहले बतौर प्रधानाध्यापक हुई थी। तैनाती के समय उनके विद्यालय की हालत सही नहीं थी। ऐसे विद्यालय में आकर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था। विद्यालय की खराब हालत को देख दुखी थे। उन्होंने विद्यालय को सजाने और संवारने का संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने साथी शिक्षकों, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं ग्राम प्रधान के साथ बैठक कर मंशा जाहिर की। अभिभावकों का सहयोग लिया। उन्होंने विद्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाया। विद्यालय का आकर्षक, सुसज्जित और हराभरा भवन ग्रामीणों के साथ बच्चों को आकर्षित कर रहा है। विद्यालय में 100 से ज्यादा बच्चे हैं, जो नियमित रूप से विद्यालय आते हैं। यहां पर शिक्षकों द्वारा बच्चों को खेल-खेल में गतिविधियों के द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। यहां तैनात शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। शिक्षकों ने शत-प्रतिशत नामांकन किया। यहां पर कंप्यूटर द्वारा बच्चों को शिक्षण कराया जाता है। शिक्षक सुभाष पांडेय ने अपने वेतन से 20 हजार रुपये खर्च कर बच्चों के लिए टाई, बेल्ट और परिचय पत्र बनवाए। विद्यालय का सुसज्जित पुस्तकालय बनवाया। विज्ञान प्रयोगशाला को सजाया। विद्यालय में बच्चों के जन्मदिन, महापुरुषों की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। शिक्षण कार्य नियमित रूप से होता है। नियमित रूप से प्रार्थना, बालसभा एवं शिक्षण कार्य किया जाता है। बच्चों से सुविचार बुलवाए जाते हैं। शिक्षण कार्य में खेल एवं गतिविधियों को शामिल किया जाता है। अपने इन्हीं सराहनीय कार्यों की वजह से विभाग द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षकों के प्रयास से प्रकाशित पत्रिका कोशिश बदलाव की में भी इस विद्यालय ने प्रथम स्थान पाया। उनका कहना है कि इससे पूर्व भी उन्होने कई विद्यालयों का कायाकल्प किया। इस दौरान कई परेशानी भी आईं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। समस्याओं का सामना किया, जिसमें जीत हमारी हुई। विद्यालय को भी तन-मन-धन से सजाया और संवारा है। 20 हजार रुपये अपने वेतन से भी खर्च किए, उन्हे खुशी मिलती है विद्यालय को देखकर।

prime article banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.