सपा सांसद आजम खां पर गिरफ्तारी का भय, कोर्ट में लगा दी अग्रिम जमानत की अर्जी
किसानों की जमीन पर कब्जा करने के बाद मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के आरोपों में घिरे सांसद आजम खां ने जिला जज की अदालत की शरण ली है।
रामपुर, जेएनएन। रामपुर में भू-माफिया घोषित समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को अब गिरफ्तारी का भय सता रहा है। आजम खां ने गिरफ्तारी के डर से रामपुर जिला जज की कोर्ट में शरण ली है। आजम खां ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी है।
किसानों की जमीन पर कब्जा करने के बाद मौलाना जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने के आरोपों में घिरे सांसद आजम खां ने जिला जज की अदालत की शरण ली है। अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों में अग्रिम जमानत के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिए हैं। इसके अलावा इन मुकदमों में तत्कालीन अजीमनगर थाना प्रभारी कुशलवीर ङ्क्षसह ने भी अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई है। आलियागंज के किसानों की ओर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के खिलाफ 26 मुकदमे अजीमनगर थाने में दर्ज कराए गए हैं।
इसके अलावा प्रशासन ने भी अपनी ओर से जमीन कब्जाने के मामले में दो मुकदमे कराए हैं। अब पुलिस जौहर यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी तथा इन मामलों में आजम खां के साथ नामजद आले हसन की गिरफ्तारी के लिए भागदौड़ कर रही है। उनके यूनिवर्सिटी के आवास पर भी दबिश दे चुकी है। इन मुकदमों में नामजद सांसद आजम खां ने पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने अधिवक्ता खलील उल्लाह के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दिए हैं। अदालत इन पर आठ अगस्त को सुनवाई करेगी। इसके अलावा कुशलवीर ङ्क्षसह के प्रार्थना पत्र पर अदालत छह अगस्त को सुनवाई करेगी।
जौहर यूनिवर्सिटी गेट मामले में सुनवाई सात को, गेट गिराने पर रोक
जौहर यूनिवर्सिटी गेट हटाने और सवा तीन करोड़ रुपये जुर्माने के एसडीएम कोर्ट के फैसले पर सेशन कोर्ट में सात अगस्त को सुनवाई होगी। तब तक एसडीएम कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी गई है। सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क का निर्माण हुआ था। इस सड़क पर आम लोगों को चलने की अनुमति नहीं थी। एसडीएम कोर्ट ने सड़क को लोक निर्माण विभाग की मानते हुए यहां बने जौहर यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट को 15 दिन के भीतर हटाने के आदेश जारी किए थे। इसके अलावा 3.27 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति के आदेश भी दिए थे। एसडीएम कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अब जिला जज की कोर्ट में अपील दायर की गई है।
आले हसन और सपाइयों पर दो और मुकदमे
डूंगरपुर में मकान तोडऩे के मामले में गंज पुलिस ने तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन खां और सपाइयों के खिलाफ दो और मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें एक मुकदमा बाजोड़ी टोला मुहल्ले की गुलनार के ओर से कराया है। आरोप है कि डूंगरपुर स्थित घर पर फरवरी 2016 में सपा शासनकाल के दौरान तत्कालीन सीओ सिटी आले, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, बरकत ठेकेदार आदि सपाई उनके घर आ गए। इसे अवैध बताते हुए घर में तोडफ़ोड़ व लूटपाट की। बाद में मकान पर बुलडोजर चलवा दिया। दूसरा मुकदमा मुमताज अहमद की तहरीर पर किया गया है। आरोप है कि डूंगरपुर में 300 गज जमीन खरीदकर मकान बनाया था, जिसे अवैध बताते हुए तुड़वा दिया था। इससे पहले डूंगरपुर में मकान तोडऩे के आरोप में पांच लोगों ने मुकदमे कराए थे। अब इनकी संख्या सात हो गई है।
जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीनें खरीदने की कमेटी करेगी जांच
मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन खरीदने के दौरान सर्किल रेट भी कम कर दिए गए थे। ऐसा तीन बार किया गया। अब शासन ने इसकी जांच के लिए कमेटी बना दी है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह को शिकायत मिली थी कि जौहर यूनिवर्सिटी की जब जमीन खरीदी गईं तक सपा शासनकाल में सर्किल रेट घटा दिए गए, ताकि खरीदार को फायदा मिल सके। वर्ष 2005-06, 2012-13, 2015-16 में बिना कारण रेट घटाए गए, जिलाधिकारी ने मामले की जांच कराई तो आरोप सही पाए।
उन्होंने मामले की जांच रिपोर्ट प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव स्टांप को भेज दी। शासन ने अब इस मामलेे की जांच के लिए तीन अधिकारियों की कमेटी बनाई है, जिसमें गाजियाबाद के आइजी स्टांप, मुरादाबाद के डीआइजी स्टांप और मुख्यालय लखनऊ के डीआइजी स्टांप को शामिल किया है। मुरादाबाद के डीआइजी स्टांंप मनोज कुमार श्रीवास्तव ने रामपुर पहुंचकर मामले की जांच पड़ताल की। कमेटी जांच करने के बाद शासन को रिपोर्ट देगी।
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