सामुदायिक केंद्रों पर लटके हैं ताले
रामपुर : लाखों की लागत से बने सामुदायिक केंद्र देखरेख के अभाव में बेमकसद होकर रह गए हैं। दरवाजे पर लटका ताला और गेट पर रखी लकड़ी इसकी उपयोगिता बताने के लिए काफी है। बसपा शासनकाल में दलित बाहूल्य गांवों में बहुउद्देश्य भवन बनाए गए थे। इनको सामुदायिक केंद्र का नाम दिया गया। इन्हें बनवाने के पीछे सरकार की मंशा यह रही होगी कि ग्रामीण इनका उपयोग जरूरत के अनुसार करेंगे। गांव के विकास के लिए योजनाएं बनाने, बैठकें करने, बारात के ठहरने, शीतकालीन भ्रमण के दौरान अधिकारियों के रात्रि विश्राम करने आदि के लिए इनका उपयोग किया जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बनने के बाद से ही इन सामुदायिक केंद्रों में ताले लटक गए। देखरेख के अभाव में यह खंडहर बनने लगे। खिड़की दरवाजे तोड़ दिए गए।इसके फर्श को नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह के हस्तक्षेप के बाद प्रधानों ने इनमें सफाई आदि कराई।
रामपुर : लाखों की लागत से बने सामुदायिक केंद्र देखरेख के अभाव में बेमकसद होकर रह गए हैं। दरवाजे पर लटका ताला और गेट पर रखी लकड़ी इसकी उपयोगिता बताने के लिए काफी है।
बसपा शासनकाल में दलित बाहूल्य गांवों में बहुउद्देश्य भवन बनाए गए थे। इनको सामुदायिक केंद्र का नाम दिया गया। इन्हें बनवाने के पीछे सरकार की मंशा यह रही होगी कि ग्रामीण इनका उपयोग जरूरत के अनुसार करेंगे। गांव के विकास के लिए योजनाएं बनाने, बैठकें करने, बारात के ठहरने, शीतकालीन भ्रमण के दौरान अधिकारियों के रात्रि विश्राम करने आदि के लिए इनका उपयोग किया जा सकता था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। बनने के बाद से ही इन सामुदायिक केंद्रों में ताले लटक गए। देखरेख के अभाव में यह खंडहर बनने लगे। खिड़की दरवाजे तोड़ दिए गए।इसके फर्श को नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर ¨सह के हस्तक्षेप के बाद प्रधानों ने इनमें सफाई आदि कराई।
सैदनगर ब्लाक के परचई और स्वार ब्लाक के गो¨वदपुरा गांव में वर्ष 2010-11 में यह केंद्र बनाए गए थे। हालांकि गो¨वदपुरा गांव में तो एक ग्रामीण रहने लगा। अब इस भवन को स्कूल के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है। परचई का केंद्र बंद पड़ा है। लाखों की लागत से बना यह केंद्र देखरेख के अभाव में जर्जर होने लगा है। इसके गेट पर लटके ताले और सामने रखी लकड़ी इसकी उपयोगिता बताने के लिए काफी हैं। ग्राम प्रधान पति धर्म पाल ¨सह ने बताया कि इस भवन का उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता है।