आरटीआइ कानून में 48 घंटे के अंदर सूचना देने का भी है प्रावधान
रामपुर : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने आरटीआइ दिवस पर हुए स्थानीय कार्यक्रम में लखनऊ
रामपुर : राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने आरटीआइ दिवस पर हुए स्थानीय कार्यक्रम में लखनऊ से ऑनलाइन संबोधन किया। जानकारी दी कि आरटीआइ कानून में 48 घंटे में सूचना दिए जाने का भी प्रावधान है। यह कार्यक्रम लोक न्याय संस्थान की ओर से जौहर मार्ग स्थित एक होटल में आयोजित किया गया। आयुक्त ने बताया कि भारतीय संविधान की आत्मा सूचना का अधिकार है। इससे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो रहा है। यह कानून सबसे पहले 1786 में स्वीडन में लागू हुआ था, जबकि हमारे देश में यह 12 अक्टूबर 2005 को लागू हुआ। इस कानून को देश में लागू हुए भले ही 13 साल हो गए हैं, लेकिन बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं। इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। आमजन को यह पता है कि आरटीआइ कानून में 30 दिन में सूचना देने का प्रावधान है, लेकिन यह नहीं पता कि 48 घंटे में भी सूचना मांगी जा सकती है। यह तब संभव है, जब सूचना महत्वपूर्ण हो या सूचना मांगने वाले को जान का खतरा हो। 48 घंटे में सूचना के मामले में अपील की जरूरत नहीं है। इस मामले में सूचना न देने पर सूचना अधिकारी के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है। कार्यक्रम में शामिल हुए ह्यूमन राइट आर्गेनाइजेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष अभय गुप्ता ने कहा कि आरटीआइ कानून हमारा अधिकार है। इसके जरिए हम भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा सकते हैं। लोक न्याय संस्थान के जिला अधीक्षक फैसल मुमताज ने कहा कि कई बार सूचना मांगने पर विभागीय अधिकारी व कर्मचारी जानबूझकर अड़चन पैदा करते हैं। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। केंद्र व राज्य सूचना आयोग स्तर पर सूचना कार्यकर्ता सलाहकार समिति का भी गठन किया जाना चाहिए, ताकि सूचना देने में हीलाहवाली करने वालों पर अंकुश लग सके। इस मौके पर शिम्मी खां, हितेश अग्रवाल, आशीष चौहान, इस्हाक, कपिल अग्रवाल, सोनू, जेब खां, शादाब, श्याम बाबू आदि मौजूद रहे।