रामपुर में सड़क हादसे हुए कम, वसूली में आया दम
पुलिस की सख्ती से सुधरी यातायात व्यवस्था कम सड़क हादसों में प्रदेश में तीसरे नंबर पर आया जिला
जागरण संवाददाता, रामपुर : यातायात व्यवस्था में सुधार के लिए की गई सख्ती के जिले में बेहतर परिणाम सामने आए हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले सड़क हादसों में कमी आई तो राजस्व वसूली दोगुणा हो गई है। सड़क हादसों के मामले में रामपुर का नाम सूबे में तीसरे नंबर पर आ गया है। जिले में हर साल सड़क हादसों में सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है। इसकी वजह खराब सड़कों के साथ ही यातायात नियमों की अनदेखी भी रही। सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मरने वाले लोग दो पहिया वाहन चालक होते हैं। यातायात नियमों का सख्ती से पालन न होने के कारण दो पहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं पहनते थे। वर्ष 2019 में सरकार ने यातायात नियम न मानने वालों के लिए सख्ती की। इन पर पड़ने वाले जुर्माने को कई गुणा बढ़ा दिया। इसके बाद जिले की पुलिस ने नियमित वाहन चेकिग शुरू कर दी। इसका असर नजर आने लगा। पुलिस का सबसे ज्यादा जोर हेलमेट और सीट बेल्ट को लेकर रहा। इसका असर नजर आने लगा है। अब दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगा रहे हैं तो कार चालक सीट बेल्ट पहन रहे हैं। यातायात नियमों का पालन करने से सड़क हादसों की संख्या भी कम हो गई है। इसके इतर वसूली में दोगुणा इजाफा हुआ है। दो साल में हुए सड़क हादसों के आंकड़े
वर्ष सड़क हादसे मृतक घायल
2018 485 270 362
2019 398 219 278
नोट - वर्ष 2019 के आंकड़े पहली जनवरी से 15 दिसंबर तक के हैं।
यातायात नियमों के उल्लंघन में दो साल में हुई कार्रवाई के आंकड़े
वर्ष चालान धनराशि
2018 31183 10628190 रुपये
2019 57782 20067930 रुपये क्या कहते हैं अधिकारी
यातायात प्रभारी सुमित कुमार बताते हैं कि जिले में इस साल यातायात व्यवस्था में काफी बदलाव आया है। सख्ती के कारण यातायात नियमों का पालन करने वालों की तादाद बढ़ने लगी है। इसके चलते रामपुर में इस साल सड़क हादसे कम हुए। कम सड़क हादसों के कारण प्रदेश में रामपुर का नाम तीसरे नंबर पर रहा। वसूली में भी जिले ने रिकार्ड कायम किया है।