राजस्व परिषद ने जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित जमीन के तलब किए अभिलेख
रामपुर: मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले मे
रामपुर: मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के लिए चकरोड और ग्राम समाज की जमीन लेने के मामले में राजस्व परिषद ने अभिलेख तलब कर लिए हैं। इन मामलों में परिषद ने चार दिन पहले ही मुकदमे चलाने की अनुमति दी थी। इस मामले में अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी। पूर्व मंत्री आजम खां इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं राजस्व परिषद में
जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर आजम खां के खिलाफ राजस्व परिषद में 14 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इनमें चार मुकदमे ग्राम समाज और चकरोड की जमीन को लेकर हैं, जबकि 10 मुकदमे दलितों की जमीन बिना अनुमति के खरीदने के हैं।
चार पर आजम खां ने कराई है आपत्ति
चार मुकदमों के दायर करने पर ही आजम खां की ओर से आपत्ति जताई गई। उनके अधिवक्ता ने तर्क दिया कि अपील दायर करने में विलंब हो गया है, इसलिए इनपर विचार न किया जाए। सरकारी वकील ने देरी के लिए नजीर पेश करते हुए तर्क दिया। इसपर अदालत राजस्व परिषद ने चारों मामलों को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया। अब इन से संबंधित अभिलेख तलब किए हैं। मंडलायुक्त और जिलाधिकारी से अभिलेख मांगे गए हैं। जिलाधिकारी से मांगे गए हैं अभिलेख
गौरतलब है कि जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड और रेत नदी की भूमि को लेने के लिए आजम खां ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष की हैसियत से 2012 में उपजिलाधिकारी टांडा के न्यायालय मे आवेदन किया था। उन्होने रेत नदी एवं चकरोड की जमीन के बदले में अपनी जमीन देने को कहा। इस पर एसडीएम ने भूमि का विनिमय करते हुए आजम खां के पक्ष में फैसला सुना दिया। इसके बाद अपील में सात नवंबर 13 को कमिश्नर की कोर्ट ने भी एसडीएम के फैसले को सही ठहराया।
भाजपा सरकार बनने के बाद हरकत में आए अफसर
सूबे में भाजपा की सरकार बनने पर इस मामले में शिकायत हो गई। पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के पुत्र भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शिकायत में कहा कि चकरोड न होने के कारण लोगों को अपने खेतों पर पहुंचने में परेशानी हो रही है और आजम खां ने बदले में जो जमीन दी है, उसकी वेल्यू कम है। इस मामले की जांच में भूमि का विनिमय करने में अनियमितता बरतने की बात सामने आई। जांच के बाद अदालत राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश इलाहाबाद में अपील की गई। आकाश सक्सेना का कहना है कि आजम खां को गरीबों के हित में चकरोड की जमीन छोड़ देनी चाहिए।