रिश्ते के भाई ने नैनीताल के शूटर से कराई थी समीर की हत्या
जेएनएन रामपुर आनलाइन कंपनी चलाने वाले समीर राजपूत की हत्या का सिविल लाइंस पुलिस और एसओ
जेएनएन, रामपुर : आनलाइन कंपनी चलाने वाले समीर राजपूत की हत्या का सिविल लाइंस पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने शनिवार को राजफाश कर दिया है। हत्या उसके ही रिश्ते के भाई ने रंजिश में कराई थी। इसके लिए एक स्थानीय बदमाश को सुपारी दी थी। बदमाश ने नैनीताल से शूटर बुलाया था। दोनों ने मिलकर वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद मृतक के भाई और दोनों बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों बदमाश घायल हो गए हैं, जिनका उपचार कराया जा रहा है।
हत्या की वारदात आठ जनवरी की रात की है। सैफनी के ग्राम रायपुर का मझरा निवासी समीर राजपूत रामपुर के सिविल लाइंस क्षेत्र में शौकत रोड पर यूनिक बाजार कंपनी चलाते थे। उनके पिता मित्रपाल का एक मकान मुरादाबाद के थाना कटघर अंतर्गत मुहल्ला आंबेडकर नगर में भी है। घटना की रात समीर अपने दोस्त विशाल के साथ बाइक से ज्वालानगर की ओर जा रहे थे। रास्ते में किटप्लाई रोड पर बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। शुक्रवार रात पुलिस को सूचना मिली कि समीर की हत्या करने वाले बदमाश बाइक से शिव विहार कालोनी की ओर जा रहे हैं। उनका मकसद समीर के परिवार में किसी और की भी हत्या करने का है। इस पर सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी लव सिरोही ने एसओजी प्रभारी अजयपाल सिंह को बुला लिया। कोतवाली और एसओजी की संयुक्त टीम ने रास्ते में ही बदमाशों की घेराबंदी कर दी। जैसे ही बदमाश किटप्लाई रोड पर आए तो टीम ने उन्हें घेर लिया। इस पर वे बाइक छोड़कर भागने लगे। पुलिस के पीछा करने पर बदमाशों ने फायरिग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाब में गोली चलाई। गोली पैर में लगने से दो बदमाश घायल होकर जमीन पर गिर गए और तीसरा भागने लगा। पुलिस ने तीनों को पकड़ लिया। पांच लाख में किया था हत्या का सौदा
पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि समीर की हत्या का सौदा पांच लाख में उसके रिश्ते के भाई लाखन सिंह पुत्र भूपाल निवासी मुरसैना थाना अजीमनगर ने किया था। लाखन चार साल पहले शाहबाद गेट पर डायनेमिक कन्सलटेंसी कंपनी चलाता था। समीर वहां बतौर असिस्टेंट काम करता था। बाद में समीर ने काम छोड़ दिया और खुद की कंपनी खोल ली। लाखन की कंपनी के ज्यादातर स्टाफ को भी अपने यहां बुला लिया। इससे लाखन को कारोबार में घाटा होने लगा। वह यहां से काम बंद करके उत्तराखंड के जिला ऊधम सिह नगर में किच्छा चला गया। वहां कंपनी खोल ली। समीर का काम उससे अच्छा चल रहा था। यही बात उसे अखर रही थी। उसने समीर की हत्या की योजना बना ली। मिलक खानम थाना क्षेत्र के ग्राम पदमपुर में रहने वाला फिरोज गांधी पुत्र नंदराम लाखन का दोस्त था। लाखन ने फिरोज से समीर की हत्या का सौदा किया। फिरोज ने उत्तराखंड के जिला नैनीताल के मल्लीताल अंतर्गत सड़ियाताल निवासी देवेश जीना पुत्र वीरेंद्र सिंह को बुला लिया। लाखन ने अपने भाई की हत्या के लिए दोनों को 50-50 हजार रुपये एडवांस दिए थे। बाकी चार लाख की रकम काम होने पर देना तय था। इसके अलावा दोनों को अपनी कंपनी में पार्टनर बनाने का भी वादा किया। दोनों बदमाशों ने यहां रहकर कई दिन समीर की रैकी की। बाद में मौका मिलने पर उसकी हत्या कर दी।