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क्रांतिकारियों के बलिदान से रूबरू कराएगी रजा लाइब्रेरी

रामपुर अपने किताबी खजाने के लिए दुनियाभर में मशहूर रामपुर रजा लाइब्रेरी अब देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों के बलिदान से रूबरू कराएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 10:34 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:34 PM (IST)
क्रांतिकारियों के बलिदान से रूबरू कराएगी रजा लाइब्रेरी
क्रांतिकारियों के बलिदान से रूबरू कराएगी रजा लाइब्रेरी

रामपुर: अपने किताबी खजाने के लिए दुनियाभर में मशहूर रामपुर रजा लाइब्रेरी अब देश को आजाद कराने वाले क्रांतिकारियों के बलिदान से रूबरू कराएगी। अगले दो साल तक स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इससे युवा पीढ़ी को भी जोड़ने का प्रयास करेगी, ताकि उनके अंदर भी देश प्रेम की भावना मजबूत हो सके। ।

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केंद्र सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। इसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाएगा। 15 अगस्त, 2022 को देश की आजादी के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ से सालभर पहले ये कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं, जो दो साल यानी 15 अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे। इस महोत्सव को रजा लाइब्रेरी भी धूमधाम से मनाने जा रही है। उसके किताबी खजाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, मौलाना मुहम्मद अली जौहर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, रानी लक्ष्मी बाई और सरदार भगत सिंह समेत तमाम नामचीन स्वतंत्रता सेनानियों पर लिखी गई सैकड़ों किताबें मौजूद हैं। मौलाना मुहम्मद अली जौहर रामपुर में ही पैदा हुए। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। इसी तरह मौलाना अबुल कलाम आजाद रामपुर के पहले लोकसभा सदस्य चुने गए। वह देश के पहले शिक्षा मंत्री बने। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। इनका भी देश को आजाद कराने में बड़ा योगदान रहा है। रजा लाइब्रेरी ने अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिये स्वतंत्रता सेनानियों की यादें ताजा कराने की योजना बनाई है। इसी तहत उसने 18 से 26 जुलाई तक पुस्तक प्रदर्शनी लगाई है, जबकि दो अगस्त को वर्चुअल गोष्ठी करने जा रही है। गोष्ठी के जरिये भी लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अवगत कराया जाएगा। लाइब्रेरी की ओर से दो साल तक ऐसे कार्यक्रम चलते रहेंगे। खूब पढ़ रहे किताबें जिलाधिकारी एवं रजा लाइब्रेरी के डायरेक्टर रविद्र कुमार मांदड़ का कहना है कि रजा लाइब्रेरी में स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित किताबें बड़ी संख्या में हैं। इन किताबों की प्रदर्शनी के जरिये लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के बारे में जानकारी मिल रही है। पुस्तक प्रदर्शनी में भी बड़ी संख्या में लोग आए और किताबों का अध्ययन किया। अन्य कार्यक्रमों में युवाओं को भी जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।


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