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Rampur Raza Library : रजा लाइब्रेरी देख बोले स्वीडन के राजदूत, वाह क्या खूब इमारत है

राजदूतों और अन्य शख्सियतों ने नवेद मियां और बेगम नूरबानो से रामपुर के इतिहास कला संस्कृति और शैक्षिक विकास को लेकर चर्चा की। बातचीत के दौरान विदेशी मेहमानों के भारत से अपने देशों में अच्छे संबंधों में बारे में बताया।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarPublished: Sun, 29 Jan 2023 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jan 2023 07:39 PM (IST)
Rampur Raza Library : रजा लाइब्रेरी देख बोले स्वीडन के राजदूत, वाह क्या खूब इमारत है
Rampur Raza Library : रजा लाइब्रेरी देख बोले स्वीडन के राजदूत, वाह क्या खूब इमारत है

रामपुर, जागरण ऑनलाइन टीम : भारत में स्वीडन और इक्वाडोर के राजदूतों समेत ग्रीस, फ्रांस, इजिप्ट, यूएई, जार्डन और ब्रिटेन के प्रमुख लोग रविवार को नूर महल पहुंचे। रजा लाइब्रेरी भी देखी। इसकी खूबसूरती को देख स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ बोलेे वाह क्या खूब है। यह किताबी खजाना बहुत काम का है। दुनियाभर के लोगों को इसका लाभ उठाना चाहिए। पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के निमंत्रण पर रामपुर आए राजनयिकों और अन्य शख्सियतों का नूरमहल में पूर्व सांसद बेगम नूरबानो ने स्वागत किया। सभी लोगों ने रजा लाइब्रेरी का भी दौरा किया।

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कई देशों से विदेशी मेहमान पहुंचे हैं रामपुर

इन विदेशी मेहमानों में भारत में स्वीडन के राजदूत जान थेस्लेफ, इक्वाडोर के राजदूत फ्रांसिस्को तियोदोरो माल्डोनाडो ग्वेरा, ग्रीस के आर्किटेक्ट अंद्रियाज एलेकजेंड्रीज, फ्रांस के इतिहासकार ग्यूलोम हुआर्ट, इजिप्ट के उद्योगपति अहमद यूसेरी, यूएई में आबूधाबी के पुलिस चीफ मोहम्मद अलफज़ारी, जार्डन के कारोबारी सनद आबुदाली और ब्रिटेन के व्यापारी क्रिस्टफर पर्सलव शामिल रहे।

राजदूतों और अन्य शख्सियतों ने नवेद मियां और बेगम नूरबानो से रामपुर के इतिहास, कला, संस्कृति और शैक्षिक विकास को लेकर चर्चा की। बातचीत के दौरान विदेशी मेहमानों के भारत से अपने देशों में अच्छे संबंधों में बारे में बताया।

नवेद मियां ने दिखाई रजा लाइब्रेरी

नूर महल के बाद सभी लोग नवेद मियां के साथ रजा लाइब्रेरी पहुंचे, जहां सभी ने हामिद मंजिल की भव्यता की प्रशंसा की। लाइब्रेरी में हजरत अली के हाथों से लिखी गई कुरान, इमाम रज़ा द्वारा लिखी गई कुरान शरीफ, दीवान ए बाबर, वाल्मीकि रामायण और रागमाला देखी।

दरबार हाल में सौ सालों से जल रहे बल्ब देखकर हैरत जताई। किताबों का लोहारू कलेक्शन भी देखा। राजनयिकों ने कहा कि वो अपने देशों के शोधकर्ताओं को रजा लाइब्रेरी के लाभान्वित होने के लिए प्रेरित करेंगे।


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