दुष्कर्मी नाजिल के पैर में गोली मारकर एसपी ने लूटी थी वाहवाही
मपुर दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने अपराधी को सजा दिलाने में इतिहास रच दिया। पुलिस ने घटना के बाद 40 दिन में मुकदमे की जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। मुकदमे में अपराधी को सजा दिलाने के लिए तमाम साक्ष्य भी जुटाए।
जागरण संवाददाता, रामपुर: दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में दोषी नाजिल को मात्र छह माह में फांसी की सजा दिलाकर रामपुर पुलिस ने इतिहास रच दिया। एसपी डा. अजयपाल शर्मा को रामपुर आए कुछ दिन ही हुए थे कि उन्होंने मुठभेड़ में दुष्कर्मी नाजिल को गोली मारकर घायल करके गिरफ्तार किया था। तब यह वीडियो खूब वायरल हुआ था कि एसपी ने दुष्कर्मी को गोली मारी। उन्होंने खूब वाहवाही लूटी थी। एसपी की तमाम संगठनों ने जमकर तारीफ की थी। उन्हें सम्मानित भी किया था। हालांकि एसपी ने बाद में कहा था कि पुलिस ने गोली मारी थी।
पुलिस ने 22 जून की रात में हुई मुठभेड़ में दुष्कर्मी के पैर मे गोली मारी थी। घटना के बाद 40 दिन में मुकदमे की जांच पूरी कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी। मुकदमे में अपराधी को सजा दिलाने के लिए तमाम साक्ष्य भी जुटाए। इन साक्ष्य के बूते अभियोजन पक्ष अदालत में मजबूत पैरवी कर सका। न्यायालय ने भी तीन माह 13 दिन में सुनवाई पूरी करते हुए सजा सुना दी। इस मुकदमे में पुलिस ने जब अपराधी को पकड़ा था तो पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयपाल शर्मा सोशल मीडिया मे छा गए थे। दरअसल, बच्ची का शव मिलने के 24 घंटे से पहले एसपी ने अपराधी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह गंभीर अपराध था। छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या की गई थी। यह घटना उनके यहां चार्ज लेने से पहले की थी। जब उन्हें इसका पता चला तो अपराधी को सजा दिलाने की ठान ली थी। सिविल लाइंस पुलिस को गंभीरता से जांच करने और कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव साक्ष्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा आइजी रमित शर्मा भी खुद भी इस मुकदमे में हो रही पैरवी की मानीटरिग करते रहे। शासन स्तर से भी जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को सजा दिलाने के निर्देश दिए गए।
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परिजन बोले, हमें इंसाफ मिला
रामपुर : दुष्कर्म के बाद बेटी की हत्या करने वाले को फांसी की सजा सुनाए जाने पर परिजनों की आंखें छलक आईं। बच्ची के पिता का कहना था कि अब उनकी बेटी की रूह को सुकून मिलेगा। उन्हें न्याय मिला है और इतनी जल्दी मिलेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। न्याय पालिका ने फांसी की सजा सुनाकर हमारी बेटी को इंसाफ दिया है।
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किस अपराध में कितनी सजा
- अपहरण की धारा में सात वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार जुर्माना। जुर्माना न देने पर दो माह की अतिरिक्त सजा।
- दुष्कर्म की धारा में मृत्युदंड।
- हत्या की धारा में मृत्युदंड और 20 हजार रुपये जुर्माना। जुर्माना न देने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास।
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कब क्या-क्या हुआ
07 मई 2019 - छह साल की बच्ची घर के बाहर खेलते समय गायब हो गई।
22 जून - बच्ची की लाश घर से कुछ दूरी पर एक अधबने मकान में मिली।
23 जून - पुलिस ने नाजिल को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
02 अगस्त - पुलिस ने विवेचना पूरी कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की
05 सितंबर - फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोप तय करते हुए शुरू की सुनवाई।
13 दिसंबर - नाजिल पर दोष सिद्ध किया।
18 दिसंबर - अदालत ने नाजिल को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
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अदालत से रोते हुए निकला नाजिल
रामपुर : दुष्कर्म के आरोप में नाजिल को सजा तो दिन में ही सुना दी गई थी लेकिन, जजमेंट लिखने में काफी समय लगा। शाम पौने सात बजे पुलिस उसे अदालत से लेकर निकली और जेल ले गई। वह रोते हुए अदालत से निकला। उसके परिजन भी मौजूद थे। वे भी रोने लगे।
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