Move to Jagran APP

खराब हैंडपंपों के पास पसरी गंदगी, पानी को तरस रहे लोग

पीने लायक पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए गांवों और कस्बों में हैंडपंप लगवाए गए जिससे लोगों को पीने लायक पानी मिल सके। गांवों में लगे ज्यादातर हैंडपंप खराब हैं। इनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 10:55 PM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 06:29 AM (IST)
खराब हैंडपंपों के पास पसरी गंदगी, पानी को तरस रहे लोग
खराब हैंडपंपों के पास पसरी गंदगी, पानी को तरस रहे लोग

मिलक : पीने लायक पानी की जरूरत को ध्यान में रखते हुए गांवों और कस्बों में हैंडपंप लगवाए गए, जिससे लोगों को पीने लायक पानी मिल सके। गांवों में लगे ज्यादातर हैंडपंप खराब हैं। इनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। गर्मी पूरे सवाब पर है। दिन व दिन तापमान में भी लगातार वृद्धि हो रही है। पोखर व नदियां सूखती जा रही हैं। ऐसी अवस्था में प्यास बुझाने के लिए लोगों को हैंडपंप ही एक मात्र सहारा होता है, लेकिन इंडिया मार्का हैंडपंप खराब होने से लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। नगर सहित क्षेत्र के गांवों में इंडिया मार्का हैंडपंप बड़ी संख्या में लगे हैं, लेकिन हैंडपंपों को लगाने के बाद उनके रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जाता है। नतीजा यह होता है कि वह या तो दूषित पानी देने लगते हैं या फिर लापरवाही के चलते खराब हो जाते हैं। हैंडपंप लगाने के बाद जल निगम का कोई कर्मचारी या अधिकारी कभी भी हैंडपंपों की ओर पलट कर भी नहीं देखता है। जल निगम विभाग खराब हैंडपंपों को ठीक कराने में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाता। विभाग की उदासीनता के चलते क्षेत्र में हैंडपंप खस्ता हालत में हैं या खराब है। मवेशियों से लेकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोग पानी को तरस रहे हैं। नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में खराब हैंडपंपों की संख्या सैकड़ों की तादात में है। कई ऐसे हैंडपंप हैं जो वर्षों से खराब हैं या दूषित पानी दे रहें हैं। मई का महीना जैसे नजदीक आ रहा है, गर्मी भी बढ़ती जा रही है। इंसान हो या जानवर सभी की प्यास की तलब बढ़ती जा रही है। वर्षों से खराब हैंडपंपों के कारण लोग पानी की एक-एक बूंद को तरसने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं इस गंभीर समस्या पर कोई अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है। गांवों में लगे दर्जनों हैंडपपंप खराब हैं, जिनकी जल निगम कोई सुध नहीं ले रहा है।ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद भी अधिकारी इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुछ गांवों में तो खराब हैंडपंपों को ग्रामीणों ने कब्जा कर लिया है या उन्हें अपने मकानों की दीवार या चारदीवारी में चुनवा लिया है। बार-बार शिकायत के बाद भी अफसर या कर्मचारी हैंडपंपों को कब्जामुक्त कराने और उनके रख-रखाव पर ध्यान करने के प्रति उदासीनता का रवैया अपनाए हैं।

loksabha election banner

सरकारी योजना के अंर्तगत रास्ते में हैंडपंप लगाया गया। कुछ समय बाद वह खराब हो गया। मरम्मत के लिए कई बार जल निगम कर्मचारियों से शिकायत की। हैंडपंप ठीक करने कोई नहीं आया। अब लोगों ने हैंडपंप को कूड़ादान बना लिया है।

महेंद्रपाल।

घर के पास लगे हैंडपंप का पानी पीने के लिए ले जाते थे। जानवरों को भी हैंडपंप पर बर्तन में पानी पिलाते थे। अब उसके खराब होने पर दूर पैदल चलकर नल से पानी लाते हैं। जानवरों को पानी पिलाने के लिए तालाब ले जाना पड़ता है।

अजय कुमार।

सरकार लोगों को साफ पानी मुहैया कराने की भरपूर कोशिश कर रही है। वह गांव-गांव और कस्बों, गली, मुहल्लों में इंडिया मार्का हैंडपंप लगवाती है। सरकारी कर्मचारियों की लापरवही और उदासीनता के चलते ज्यादातर हैंडपंप खराब हैं।

उमेश मौर्य।

गर्मी के मौसम में इंसान ही नहीं, पशु-पक्षियों को हैंडपंप जीवन दायनीय, वरदान साबित होते हैं। लोगों द्वारा हैंडपंपों को इस्तेमाल करने पर आसपास एकत्र पानी को वह पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं। हैंडपंपों के खराब होने पर इंसान के साथ-साथ बेजुबान भी पानी की एक बूंद के लिए तरस जाते हैं।

राहुल कुमार।

मार्गों के किनारे लगाए अधिकतर हैंडपंपों की हालत खराब है। कई तो बेहद, जर्जर अवस्था में हैं। नगर की रेलवे फाटक के पास पटवाई मार्ग पर स्थित हैंडपंप खराब है। किसी के सुध न लिए जाने पर हैंडपंप पर लोगों ने कूड़ा-कचरा डालना शुरू कर दिया है। हैंडपंप पर फैली गंदगी के कारण आस-पास रहने वालों को बदबू और सड़न के कारण परेशानी हो रही है।

रूप कुमार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.