बजट से जरदोजी कारीगरों में जागी आस
जिले में 50 हजार कारचोब कारीगर हैं जिनमें से 28437 कारीगरों को योजना का आर्टीजन कार्ड जारी किया गया है। जिले का टर्नओवर लगभग दो सौ करोड़ सालाना का है।
जागरण संवाददाता, रामपुर : सरकार ने एक जिला एक उत्पादन योजना के माध्यम से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को नई ऊर्जा देने के लिए प्रयास किए हैं। मंगलवार को सरकार द्वारा जारी बजट में इस योजना के लिए 250 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है। सरकार के इस कदम से जिले में पैचवर्क का कारोबार करने वालों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं।
सरकार की मंशा है कि इस योजना का लाभ लेकर गरीबी का जीवन व्यतीत कर रहे ऐसे परिवार अपने स्तर को ऊपर उठा सकें। इसके तहत युवाओं के लिए लघु उद्यम में जॉब-ट्रेनिग देकर रोजगार के लिए तैयार किया जाएगा। जनपद में जरदोजी का अच्छा खासा कारोबार चल रहा है। इसके अंतर्गत शानदार कढ़ाई के साथ मोती लगाकर नए-नए डिजाइन के कपड़े तैयार किए जाते हैं। इन वस्त्रों की विदेशों तक में काफी मांग रहती है। पैचवर्क के इस कारोबार में हजारों लोग जुड़े हैं। मजदूरी पर काम करने वाले इन लोगों के आर्थिक हालात अच्छे नहीं हैं। कुछ समय पहले तक पैचवर्क का काम कम पढ़े लिखे बेरोजगार की पहली पसंद था, लेकिन अब उनमें से कई इस काम से ऊब चुके हैं। इससे इस कारोबार को खतरा पैदा होने लगा है। ऐसे में एक जिला एक उत्पाद योजना इसके लिए संजीवनी सिद्ध हो रही है। जिले में 50 हजार कारचोब कारीगर हैं, जिनमें से 28437 कारीगरों को योजना का आर्टीजन कार्ड जारी किया गया है। इससे उन्हें प्रदेश भर में लगने वाले मेले में फ्री स्टॉल दिया जाता है। इसके अलावा आने जाने एवं व्यवस्था के लिए दस हजार रुपये सरकार की ओर से दिए जाते हैं। इसके साथ ही समय-समय पर प्रशिक्षण करवाए जाते हैं। विभाग के उपायुक्त एसके शर्मा के अनुसार इसमें जिले का टर्नओवर लगभग दो सौ करोड़ सालाना का है। स्थिति बहुत अच्छी चल रही है। वहीं जमीनी तहकीकात में पता चला कि कारोबार से जुड़े कई लोगों को योजना की जानकारी ही नहीं है। हालांकि उन्हें इसका पता चलने पर उन्होंने खुशी जताई है।
पंद्रह सालों से जरदोजी का काम कर रहे हैं। हमें तो योजना का पता ही नहीं था। इसलिए अभी तक कार्ड नहीं बनवा पाए हैं। सरकार अगर ऐसा कर रही है तो अच्छी बात है। बजट में ऐसा किया गया है तो बहुत अच्छी बात है। -समी खान हमें तो आज तक योजना का लाभ नहीं मिला। सच कहें तो योजना की जानकारी ही हमें नहीं है। यदि सरकार ऐसा कर रही है तब तो यह हमारे और हमारे परिवार के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
-मोहम्मद नदीम मजदूरी पर काम करते हैं। आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि अपना काम कर सकें। हमें तो इसके बारे में मालूम ही नहीं था। सुना है बजट में हमारे लिए काफी कुछ किया गया है। ऐसे में हमें बहुत फायदा होगा।
-शाहवाज खान दिन भर काम में इतना मसरूफ रहते हैं कि सरकार की योजनाओं की जानकारी हो ही नहीं पाती। इस धंधे से परिवार पालना भी मुश्किल होता है। यदि सरकार के इस बजट से हमारा भला होता है, तब तो पूरा परिवार दुआएं देगा।
-शाहनवाज ब्राउन