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खून से पत्र भी नहीं बनबा सके शाहबाद में बस स्टैंड

रामपुर शाहबाद में बस स्टैंड बनवाने की तमाम कोशिशें की गईं लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात रहा। आज भी यहां बस स्टैंड न होने से लोग सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं। इससे तेज धूप ठंड और बारिश के दिनों में लोगों को काफी दिक्कत होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 11:06 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 11:06 PM (IST)
खून से पत्र भी नहीं बनबा सके शाहबाद में बस स्टैंड
खून से पत्र भी नहीं बनबा सके शाहबाद में बस स्टैंड

रामपुर : शाहबाद में बस स्टैंड बनवाने की तमाम कोशिशें की गईं, लेकिन परिणाम वही ढाक के तीन पात रहा। आज भी यहां बस स्टैंड न होने से लोग सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करते हैं। इससे तेज धूप, ठंड और बारिश के दिनों में लोगों को काफी दिक्कत होती है। जल्दबाजी में सड़क पर खड़ी बस में चढ़ने-उतरने में हादसे का खतरा रहता है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से बस अड्डा बनवाने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर खून से पत्र भी लिखे, मगर अभी तक बस अड्डा नहीं बन सका है। लोगों ने शीघ्र बस स्टैंड बनवाने की मांग की है।

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लोगों का कहना है कि नगर में रोडवेज की ओर से काफी कम बसें चलती हैं, जिससे नगरवासियों को काफी परेशानी होती है। इसके अलावा अभी तक रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण भी नहीं कराया गया है। जिला मुख्यालय जाने के लिए 24 घंटे में मात्र एक-दो बसें ही है। वहीं शाम को मुख्यालय जाने के लिए भी कोई रोडवेज बस न होने से सरकारी कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्षेत्र में रोडवेज बस स्टैंड को लेकर काफी समय से मांग उठाई जा रही है। दर्जनों बार लोगो ने बस स्टैंड निर्माण की मांग की है, लेकिन रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण अभी तक नहीं हो सका। यात्रियों को सड़क पर खड़े होकर बसों का इंतजार करना पड़ता है। रोडवेज बस स्टैंड न होने से आने-जाने वाली बसों का समय भी तय नहीं है। ऐसी स्थिति में यात्रियों को काफी देर तक सड़क किनारे खड़े होकर परेशानी का सामना करना पड़ता है। ठंड, बरसात एवं गर्मी में यात्रियों की परेशानी और ज्यादा बढ़ जाती है। वैसे नगर में प्राइवेट बसों का भी संचालन होता है, इनका भी कोई निजी बस स्टैंड नहीं है। इसके कारण यह बसें भी सड़कों पर ही खड़े होकर ही सवारियां भरती हैं। शाम को प्राइवेट बसों का संचालन बंद हो जाता है। ऐसे में नगर से बाहर जाने व आने के लिए साधन जुटाना टेढ़ी खीर हो जाता है। क्षेत्र मुरादाबाद, संभल, बदायूं, बरेली, चार जनपदों की सीमा से लगा हुआ है। इन सभी मार्गों पर प्राइवेट बसों का संचालन भी होता है। जिला मुख्यालय जाने के लिए 24 घंटे में मात्र एक से दो रोडवेज बसे ही संचालित होती है। नगर वासियों ने कई मर्तबा नेताओ, अधिकारियों से भी मांग की है, लेकिन अभी तक इस ओर किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। मुख्यालय से प्रतिदिन नगर आने वाले सरकारी कर्मचारियों को सुबह मुख्यालय से तो बसे मिल जाती है, लेकिन शाम तक आफिस में काम कर वापस जाने के लिए नगर से शाम चार बजे के बाद कोई रोडवेज बस संचालित नहीं होती है, ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

एआरएम ने बताया कि भूमि के अभाव में बस स्टैंड नहीं बन सका है। प्रशासन से भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्र भेजा गया है। पूर्व में राजकीय इंटर कालेज के समीप भूमि उपलब्ध होना बताई गई थी, जो तंग रास्ते व अन्य कारणों से रोडवेज के लिए उपयुक्त नहीं लगी।


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