मुख्यमंत्री के जन पोर्टल पर शिकायत के बाद हुए जांच के आदेश
रामपुर : मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही की
रामपुर : मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही की जा रही है। एसपी ऑफिस में बने आइजीआरएस सेल में तैनात कर्मचारी शिकायतों की जांच हुए बगैर निस्तारण की रिपोर्ट ऑनलाइन चढ़ा देते हैं। इससे शिकायतकर्ता को न्याय नहीं मिल पा रहा है। बर्खास्त कर दिया था शिकायतकर्ता को ही
इस मामले में पूर्व सिपाही मोहम्मद रफी ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है, जिस पर एसपी ने जांच बैठा दी है। पूर्व सिपाही ने शिकायत में कहा है कि उन्हें 2009 में बर्खास्त कर दिया था। उन्हें गैर हाजिर दिखाते हुए बर्खास्त कर दिया था, जबकि वह इस दौरान सरकारी पिस्टल के साथ विभिन्न जिलों में ड्यूटी कर रहे थे। वह अपनी बर्खास्तगी को गलत साबित करने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
आरोप: गृह सचिव ने रिश्वत की मांग
सिपाही अपनी बहाली और बर्खास्तगी के लिए दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए छह जून 2014 को गृह विभाग के सचिव बच्चू लाल से मिले थे। आरोप है कि गृह सचिव ने उनसे रिश्वत की मांग की। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर की। जांच स्थानीय स्तर पर हुई। जांच अधिकारी ने यह कहकर जांच लौटा दी कि आरोप सचिव पर लगा है। वह अपने से ऊंचे पद पर तैनात अफसर के खिलाफ जांच नहीं कर सकते। जांच आख्या मानते हुए निस्तारित कर दी गई शिकायत
एसपी ऑफिस में बने आइजीआरएस कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारियों ने इसी को जांच आख्या मानते हुए शिकायत का निस्तारण कर दिया। नियमानुसार इसे शासन को वापस भेजना चाहिए था, ताकि नियमानुसार सचिव स्तर के अधिकारी से जांच हो जाती। सीओ सिटी को जांच के आदेश
आइजीआरएस कार्यालय की इसी लापरवाही से कई अन्य शिकायतों का भी निस्तारण नहीं हो सका। उनकी इस कार्यशैली की शिकायत पर एसपी डॉ. विपिन ताडा ने सीओ सिटी को जांच के आदेश दिए हैं।