राजकीय इंटर कालेज में 1700 छात्राओं को पढ़ाने के लिए मात्र एक टीचर
विज्ञान गृहविज्ञान एवं अंग्रेजी विषय की शिक्षकाएं ही नहीं
जागरण संवाददाता, शाहबाद : इसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कहें या अधिकारियों की बड़ी लापरवाही। नगर के राजकीय बालिका इंटर कालेज में करीब 17 सौ छात्राओं को पढ़ाने का जिम्मा सिर्फ एक टीचर को दे रखा है। ऐसी स्थिति में छात्राओं को पढ़ाने की बात तो दूर है उन्हें संभालना भी मुश्किल है।विज्ञान, गृहविज्ञान, अंग्रेजी विषयों की शिक्षिकाएं ही नहीं हैं।ऐसे में छात्राएं निजी संसाधनों से शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
सरकार भले ही बालिका शिक्षा को लेकर तरह-तरह के दावे कर रही हो, लेकिन नगर का राजकीय बालिका इंटर कालेज सरकार के सभी दावों को एक सिरे से खारिज कर रहा है। शाहबाद का जीजीआइसी एक ऐसा कालेज है, जिसका प्राइमरी विग भी है। कक्षा एक से 12 तक यहां 1646 छात्राएं पंजीकृत हैं। इनको पढ़ाने के लिए प्राइमरी विग में तीन बीटीसी प्रशिक्षित, प्रशिक्षित स्नातक वर्ग में 14 और प्रवक्ता वर्ग में 10 शिक्षिकाओं के पद हैं। इसके विपरीत प्राइमरी वर्ग में एक भी टीचर नहीं है। प्रशिक्षित स्नातक वर्ग में एक एवं प्रवक्ता एक भी नहीं है। ऐसी स्थिति में छात्राओं को पढ़ाना तो दूर, उन्हे संभालना भी मुश्किल हो जाता है। वैसे कालेज की बिल्डिग ठीक ठाक है। लाखों रुपये की लागत से हास्टिल भी बना हुआ है। लेकिन, इसमें कोई छात्रा नहीं रहती है। शिक्षिकाओं की कमी के कारण छात्राओं के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है। जीजीआइसी में शिक्षिकाओं की कमी से विभाग के साथ ही बड़े अधिकारियों को जानकारी है। इसके बावजूद एक प्रवक्ता वंदना को विभाग ने पिछले दिनों बिलारी स्थित राजकीय इंटर कालेज से अटैच कर दिया। विद्यालय में सिर्फ एक ही प्रवक्ता होने के बावजूद अधिकारियों द्वारा उन्हें बिलारी अटैच कर देना कहां तक ठीक है, इसपर भी प्रश्नचिह्न लग रहा है। उक्त प्रवक्ता का वेतन जीजीआइसी से ही मिलता है। समय-समय पर मामले की सूचना विभाग को दी जाती है। इसके अलावा भी कई पत्र लिखे गए हैं, लेकिन शिक्षिकाओं की तैनाती नहीं हो सकी है।
प्रधानाचार्य हरद्वारी सिंह। समस्या बहुत जटिल है। संघ की ओर से 14 शिक्षिकाओं को लगाकर व्यवस्था को बनाने की कोशिश की है। शिक्षिकाओं की नियुक्ति छात्राओं के भविष्य को देखते हुए बेहद आवश्यक है।
शिक्षक अभिभावक संघ की अध्यक्ष शबाना। निजी माध्यमों से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। सरकार को चाहिए की वह विद्यालय में शिक्षिकाओं की जल्द से जल्द तैनाती करे।
शरीफ अहमद।