शुभ मुहुर्त में करें कलश स्थापना : वासंतेय
श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ के आचार्य डॉ.राधेश्याम शर्मा वासन्तेय ने कहा कि छह अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। इस दिन प्रतिपदा का आरंभ ब्रह्म मुहुर्त में हो रहा है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहुर्त सुबह 636 से 1035 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहुर्त दोपहर 1211 से 1259 बजे तक है। नवरात्र के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें पहले दिन कलश स्थापना की जाती है जो ब्रह्मांड का प्रतीक है और इसे घर की शुद्धि और खुशहाली के लिए पवित्र स्थान पर रखा जाता है। कहा हमारा शरीर ही कुंभ है जो ब्राह्मांड है वहीं पिड है इस पिड को नौ दिन स्थिर रखने के लिए मन बुद्धि अहंकार को नियंत्रित करने के लिए नौ चक्रों के भेदन के लिए नवरात्र की साधना प्रारंभ की जाती है। पृथ्वी तत्व का शोधन श्री महामाया शैलपुत्री के माध्यम से होता है। इसलिए प्रतिपदा को पृथ्वी तत्व के मूलाधार चक्र का शोधन करना चाहिए। निरंतर परमात्मा के निकट बने रहने के लिए उपवास करना
रामपुर : श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ के आचार्य डॉ.राधेश्याम शर्मा वासन्तेय ने कहा कि छह अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। इस दिन प्रतिपदा का आरंभ ब्रह्म मुहुर्त में हो रहा है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहुर्त सुबह 6:36 से 10:35 बजे तक है। इसके बाद अभिजीत मुहुर्त दोपहर 12:11 से 12:59 बजे तक है। नवरात्र के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, जो ब्रह्मांड का प्रतीक है और इसे घर की शुद्धि और खुशहाली के लिए पवित्र स्थान पर रखा जाता है। कहा हमारा शरीर ही कुंभ है, जो ब्राह्मांड है वहीं पिड है, इस पिड को नौ दिन स्थिर रखने के लिए, मन, बुद्धि अहंकार को नियंत्रित करने के लिए नौ चक्रों के भेदन के लिए नवरात्र की साधना प्रारंभ की जाती है। पृथ्वी तत्व का शोधन श्री महामाया शैलपुत्री के माध्यम से होता है। इसलिए प्रतिपदा को पृथ्वी तत्व के मूलाधार चक्र का शोधन करना चाहिए। निरंतर परमात्मा के निकट बने रहने के लिए उपवास करना चाहिए। सभी लोग प्रेम, करुणा, दया के साथ चक्र भेदन के लिए अपने शरीर में स्थित कमलों को खिलाने के लिए मां दुर्गा का अपने शरीर में आहवान करें। इस साधना से हमारा तन, मन निर्मल हो जाएगा। अखंड ज्योति अगर सामर्थय हो तो निरंतर नौ दिनों तक जलाएं, दीपक से निकलने वाली ज्योति से हमारे घर की दरिद्रता दूर, अज्ञान का विनाश होता है। धन, संपत्ति, वैभव की वृद्धि होती है। नवरात्रि पूजा शुरु करने से पहले देसी घी का दीपक जलाया जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा कम होती है। इस दौरान सभी भक्तों ने श्री त्रिपुरेश्वरी शक्तिपीठ में सफाई कर माता की मूर्ति को नए वस्त्र पहनाकर सजाया। कहा शनिवार की सुबह मंदिर में पूजन होगा, जिसमें साधक शामिल हों।