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सांसद आजम खां को एक और झटका, यूपी सरकार की हुई जौहर यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन

रामपुर से सपा सांसद आजम खां की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में दर्ज हो गई। जौहर ट्रस्ट के सदस्यों पर आर्थिक अनियमितता के आरोप सिद्ध होने के बाद राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को अपने नियंत्रण में ले सकती है।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 11:47 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 07:34 AM (IST)
सांसद आजम खां को एक और झटका, यूपी सरकार की हुई जौहर यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन
आजम खां की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की 173 एकड़ जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में दर्ज हो गई।

रामपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के खाते में दर्ज हो गई। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जगदंबा प्रसाद की अदालत ने शनिवार को इसके लिए आदेश दिया था।

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पूर्व मंत्री एवं सांसद आजम खां की यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है। यह जमीन उसके ही नाम थी। आजम खां ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा सचिव हैं। दोनों बेटे अब्दुल्ला आजम और अदीब आजम सदस्य हैं। जौहर ट्रस्ट को 2005 में सरकार ने 12.50 एकड़ के नियम से ज्यादा जमीन खरीदने की सशर्त अनुमति दी थी।

ट्रस्ट ने कहा था कि उसकी ओर से चैरिटी का कार्य किया जाएगा और गरीब अल्पसंख्यक बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। अभी कुछ माह पहले भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने शासन में शिकायत की थी कि ट्रस्ट द्वारा शर्तों का उल्लंघन हो रहा है। इसलिए यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा की जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज कराई जाए।

रामपुर प्रशासन ने जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत में मुकदमा दायर किया गया। उन्होंने शनिवार को 12.50 एकड़ छोड़कर बाकी जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करने का आदेश दिया। उनका यह आदेश सोमवार को सदर तहसील पहुंचा। इस पर एसडीएम प्रवीण कुमार वर्मा ने तहसीलदार प्रमोद कुमार को निर्देश दिए। तहसीलदार ने यूनिवर्सिटी की 172.99 एकड़ जमीन राज्य सरकार के खाते में दर्ज करा दी। यूनिवर्सिटी के पास यूपी रेवेन्यू कोड के नियमानुसार 12.50 एकड़ जमीन ही बची है। इससे ज्यादा जमीन रखने के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती है।

वहीं, जौहर ट्रस्ट के सदस्यों पर आर्थिक अनियमितता के आरोप सिद्ध होने के बाद राज्य सरकार यूनिवर्सिटी को अपने नियंत्रण में ले सकती है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि यूनिवर्सिटी की जमीन राज्य सरकार के नाम दर्ज हो गई है। अब वह पूरी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

26 किसानों ने 2019 में जमीन कब्जाने के दर्ज कराए थे मुकदमे : आजम खां मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। उनके खिलाफ साल 2019 में 26 किसानों ने यूनिवर्सिटी के लिए जबरन जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए थे। प्रशासन ने भी शत्रु संपत्ति और कोसी नदी की जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए थे। प्रशासन ने उन्हें भू माफिया भी घोषित कर दिया था।


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