प्रवासी मजदूर काम की तलाश में ठोकरें खाने को मजबूर
देश के अन्य प्रदेशों में रहकर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न होने पर घर वापस लौट आए थे।
रामपुर, जेएनएन। पूरा देश कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। सरकार ने बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। लोगों से घरों में रहने के साथ ही सावधानी बरतने की अपील की जा रही है। लॉकडाउन का पालन कराने के लिए पुलिस व प्रशासन ने पूरी ताकत झोंक दी है। देश के अन्य प्रदेशों में रहकर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न होने पर घर वापस लौट आए थे। सरकार ने अन्य प्रदेशों से लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए मनरेगा के अंतर्गत मजदूरी की घोषणा की थी, लेकिन बाहर से लौटे प्रवासियों को मनरेगा का काम नहीं मिल पा रहा है। अधिकतर मजदूर सब्जी, फल आदि का ठेला लगाकर मजदूरी कर रहे हैं।
गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने क्षेत्र के गांव मीरापुर मीरगंज में पड़ताल की तो हरियाणा, राजस्थान, जयपुर, अहमदाबाद, दिल्ली में कारपेंटर, हेयर कटिग, टेलरिग आदि का काम कर रहे सैकड़ों प्रवासी मजदूर लॉकडाउन में घर आए हुए हैं। कुछ युवक क्रिकेट खेलते नजर आए, जबकि कुछ लोग सब्जी, फल आदि का ठेला लगाकर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। इरफान हुसैन, नासिर अली, अकील अहमद, रिजवान हुसैन ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है, तब से हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं। रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है। कभी-कभार अगर कोई काम मिलता है तो कर लेते हैं। काम ढूंढने की तलाश में लगे रहते हैं। ग्राम विकास अधिकारी वेदप्रकाश शर्मा ने बताया कि मनरेगा द्वारा कार्य कराए जा रहे हैं। बाहर से आए प्रवासी मजदूरों के कुछ जॉबकार्ड बन गए हैं। अगर कोई रहता है तो शीघ्र जॉबकार्ड बनवाकर रोजगार दिया जाएगा।