निजीकरण के विरोध में बीमा कर्मियों ने किया प्रदर्शन
निजीकरण के विरोध में बीमा कर्मियों ने किया प्रदर्शन
रामपुर : बीमा कर्मचारी संघ ने भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम को सूचीबद्ध करने, बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने एवं सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण की नीति के विरोध में प्रदर्शन किया।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि निगम की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी, तब से राष्ट्रहित में कार्य किया जा रहा है। पूंजीपतियों की नजर निगम की 31 लाख करोड़ की परिसंपत्ति पर है। 1999 में बीमा क्षेत्र को निजी बीमा कंपनियों के लिए खोला गया था। 20 वर्षों के बाद भी निगम की बाजार हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है। इससे हतोत्साहित होकर पूंजीपतियों ने अब सरकार को दबाव में लेकर निगम को पूंजीपतियों के हवाले करने का फार्मूला निकाला है।
इस मौके पर हरि सिंह सागर, संजय सिंह, कर्मवीर सिंह, श्रीकांत झा, भगवान दास, वैभव सक्सेना, महेश चंद्र जोशी, राजेश सिंह रावत, शाहिद, हरिकृष्ण पंत, इशरत अली, देवेंद्र शर्मा, सुखलाल, विजय बहादुर श्रीवास्तव, राकेश यादव, राजीव कुमार, राकेश कुमार, जाकिर हुसैन, नरेश कुमार, ऊषा अरोरा, छाया प्रजापति, महेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।