मुसीबत बनी खौद में पुलिया, रोज लग रहा जाम
रामपुर : राजनैतिक प्रपंच का शिकार हुए पुल और पुलिया अब लोगों के लिए जी का जंजाल बन गए ह
रामपुर : राजनैतिक प्रपंच का शिकार हुए पुल और पुलिया अब लोगों के लिए जी का जंजाल बन गए हैं। स्वार रोड पर खौद की निर्माणाधीन पुलिया वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है, यहां रोजाना घंटों जाम की समस्या से लोग जूझते हैं।
रामपुर-स्वार मार्ग पर पुरानी पुलिया जर्जर हो गई थी, इसके चलते दो साल पहले पुलिया को तोड़कर इसके स्थान पर नई पुलिया बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन कुछ दिन बाद ही इस पर ब्रेक लग गया। एक साल पहले आधा हिस्सा बना दिया गया। इसी दौरान सत्ता परिवर्तन हो गया, जिससे पुलिया बनाने का कार्य फिर से खटाई में पड़ गया। सालभर से ज्यादा समय बीतने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका। अब जब बारिश का मौसम शुरू हो गया तो विभाग को पुलिया को बनाने की सुध आई, जिसके चलते दो सप्ताह पहले पुलिया बनाने का कार्य शुरू हुआ। इसी बीच बारिश शुरू हो गई, जिससे नहर में पानी आ गया, जिससे एक बार फिर पुलिया को बनाने का कार्य खटाई में पड़ गया। इधर पुलिया न बनने से मार्ग संकरा हो गया है। वनवे के चलते रोजाना ही पुलिया पर घंटो जाम लग रहा है। जाम के चलते पुलिया के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। घंटों की मशक्कत के बाद ही जाम खुल पाता है। दूसरी ओर खौद चौराहे पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा रहती है। यहीं से शहजादनगर बाइपास को रास्ता जाता है, जो बरेली लखनऊ राज मार्ग से जोड़ता है। यह मार्ग उत्तराखंड को स्वार बाया बाजपुर से जोड़ता है। रेत बजरी से भरे वाहनों की आवाजाही भी रात व दिन रहती है, जो जाम का कारण बन रही है। अक्सर जाम में यात्री वाहन और स्कूली वाहन भी फंस जाते हैं, जिसकी वजह राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय विधायक नसीर खां भी पुलिया को बनाने की मांग कर चुके हैं। बावजूद इसके विभाग के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। इसका खामियाजा क्षेत्रीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है। खौद निवासी शादाब अली का कहना है कि क्षतिग्रस्त पुलिया के कारण रोजाना ही जाम लग रहा है, जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खेमपुर निवासी इरशाद अली ने प्रशासन से पुलिया को जल्दी बनाने की मांग की है, ताकि लोगों को यहां रोज लगने वाले जाम की समस्या से निजात मिल सके। नगलिया आकिल के प्रधान डाक्टर सरफराज अहमद का कहना है कि प्रशासन को पुलिया बनाने की याद बारिश के दिनों में ही आई है। अगर पहले बन जाती तो परेशानी नहीं होती।