ज्ञान का सागर है रजा लाइब्रेरी : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल Rampur News
कहा कि लखनऊ में राजभवन है। उसके बारे में लोग जानना चाहते थे कि यह कैसा है लेकिन इसके अंदर किसी को जाने ही नहीं दिया जाता था। हमने इसे खुलवा दिया।
रामपुर, जेएनएन। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि रामपुर रजा लाइब्रेरी हमारी अनमोल सांस्कृतिक धरोहर और शिक्षा का अमूल्य खजाना है। यह ज्ञान का सागर है और इस ज्ञान को दुनियाभर में फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी इतनी आलीशान लाइब्रेरी और इतना अदभुत किताबी खजाना नहीं देखा। वह इस लाइब्रेरी की जानकारी से संबंधित किताब छपवाएंगी और इसे दूसरे स्थानों पर भी उपलब्ध कराएंगी। इस मौके पर उन्होंने साहित्यिक सेवाओं के लिए साहित्यकारों को सम्मानित भी किया।
फारसी में लिखी रामायण को देख रह गईं दंग
राज्यपाल सोमवार को पूर्वाहन 10.50 बजे पुलिस लाइन में बने हैलीपैड पर उतरीं। इसके बाद 11 बजे रजा लाइब्रेरी पहुंची। सबसे पहले उन्होंने यहां किताबी खजाने को देखा। सुमेर चंद की फारसी में लिखी रामायण को देखकर दंग रह गई। इसके तीन पन्ने सोने के पानी से लिखे हैं। इसे देखते ही बोली, यह तो अदभुत है। करीब आधा घंटे तक किताबी खजाने को देखती रही। इसके बाद बाहर आईं तो इमारत को ही निहारती रहीं। बोलीं, क्या खूब है। यह जितनी खूबसूरत बाहर से है, उतनी ही अंदर से भी। इसका दरबारे हाल भी भव्य है।
महल भी पहुंची राज्यपाल
लाइब्रेरी में किताबी खजाना देखने के बाद रंग महल पहुंची। यहां उन्होंने पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रजा लाइब्रेरी एशिया की नंबर वन लाइब्रेरी है। इसमें 17000 पांडुलिपियां और 60 हजार मुद्रित पुस्तकें हैं। पुराने दौर के ही लघु चित्र। इनमें अदभुत चित्रकारी है। आज हमने जो चित्रकारी देखी है,ऐसी पहले कभी नहीं देखी और न ही कभी ऐसी लाइब्रेरी देखी। स्कूल और कॉलेज में लाइब्रेरी होती हैं। सरकारी लाइब्रेरी भी होती हैं, राष्ट्रपति भवन में भी लाइब्रेरी है। लेकिन, ऐसी लाइब्रेरी कहीं नहीं है। इसके किताबी खजाने का ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि यहां हर महीने कोई न कोई कार्यक्रम हो, जिसमें छात्र-छात्राओं को शामिल किया जाए। उन्हें इस ज्ञान के भंडार का लाभ पहुंचाया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 मई 2016 को ईरान गए थे। तब वह भी रामपुर रजा लाइब्रेरी की पुस्तकें लेकर गए थे जो वहां के सर्वोच्च नेता को भेंट की थी। कहा कि लोगों में किताबें पढऩे की आदत कम होती जा रही है। हमें पढऩे की आदत डालनी चाहिए। इसकी हमने शुरुआत भी की है। रामपुर में भी पढ़ो रामपुर-बढ़ो रामपुर, कार्यक्रम हुआ है। दूसरी जिलों में भी ऐसा कराया गया है।
साहित्यकारों को मिला सम्मान
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने साहित्यिक सेवाओं के लिए प्रोफेसर अख्तर उल वासे और डॉ. एहतेशाम अहमद को सम्मानित किया। वासे खुद नहीं आ सके तो उनके पुत्र कामरान वासे को सम्मान दिया। यह सम्मान रजा लाइब्रेरी बोर्ड की ओर से दिया गया है। वह इस बोर्ड की अध्यक्ष भी हैं। लाइब्रेरी के निदेशक प्रोफेसर हसन अब्बास ने बताया कि रजा लाइब्रेरी की स्थापना रामपुर रियासत के पहले नवाब फैजुल्ला खान ने की थी, जबकि रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान के दौर में लाइब्रेरी को बुलंदी पर पहुंचाया गया। इस कारण इन दोनों ही नवाबों के नाम पर लाइब्रेरी द्वारा अवार्ड दिए जाते हैं। इन दोनों ही अवार्ड में एक लाख 11 हजार की धनराशि और प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराए जाते है। ये दोनों अवार्ड अरबी, फारसी, उर्दू, इतिहास, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले साहित्यकारोंको दिए जाते हैं, जबकि मुंशी नवल किशोर अवार्ड उल्लेखनीय प्रकाशन करने वाले प्रकाशक को दिया जाता है। प्रोफेसर अख्तर उल वासे मौलाना आजाद विश्वविद्यालय जोधपुर में कुलपति हैं। साहित्य के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान है। इसके लिए उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। नवाब रजा अली खां अवार्ड से सम्मानित होने वाले प्रोफेसर सैयद एहतेशाम अहमद नदवी का भी उर्दू, अरबी, फारसी के साहित्य में विशेष योगदान है। वह कालीकट विश्वविद्यालय मालाबार में 26 साल तक अरबी के विभागाध्यक्ष बने रहे। साहित्यिक सेवाओं के लिए इन्हें भी राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। मुंशी नवल किशोर अवार्ड दिरयागंज दिल्ली के अरीब पब्लिकेशन को दिया गया। इनके द्वारा उर्दू, ङ्क्षहदी व अंग्रेजी में आठ सौ से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित की गईं। यह अवार्ड सैयद साजिद अली ने प्राप्त किया। इस अवार्ड में एक लाख रुपये व प्रशस्ति पत्र दिया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश के जलशक्ति राज्य मंत्री बलदेव ङ्क्षसह औलख, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल, मंडलायुक्त वीरेंद्र ङ्क्षसह, पुलिस महानिरीक्षक रमित शर्मा, जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा, भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अभय गुप्ता, राजीव मांगलिक, भारत भूषण गुप्ता, हरीश गंगवार, महा ङ्क्षसह राजपूत आदि रहे।