घरों और मंदिरों में किया गया गोवर्धन पूजन
घरों और मंदिरों में रविवार को विधि-विधान से गोवर्धन पूजन किया गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया। इसके बाद श्रीकृष्ण भगवान का स्मरण कर खील बताशे और मीठे खिलौने आदि से पूजन किया।
रामपुर : घरों और मंदिरों में रविवार को विधि-विधान से गोवर्धन पूजन किया गया। लोगों ने अपने-अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया। इसके बाद श्रीकृष्ण भगवान का स्मरण कर खील, बताशे और मीठे खिलौने आदि से पूजन किया। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण जी के द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा सुनाई गई। इस अवसर पर कुछ लोगों ने गोशाला में जाकर गोसेवा की। गायों का तिलक किया और उन्हें हरी घास, मिठाई आदि खिलाया।
दुर्गा देवी ज्वाला जी शक्ति दरबार के महंत पंडित विश्वनाथ प्रसाद मिश्रा ने राधा-कृष्ण मंदिर में विधि-विधान के साथ गोवर्धन पूजन किया। इसके बाद गोवर्धन की कथा सुनाई। कहा कि इंद्र को एक बार अपने ऊपर अभिमान हो गया था। इस पर उन्होंने अपना प्रभाव दिखाने के लिए जमकर बारिश की। इससे सभी पशु-पक्षी, जीव-जंतु आदि परेशान हो गए। सभी ने भगवान श्रीकृष्ण जी से रक्षा करने के लिए प्रार्थना की। इन्द्र का अभिमान चूर करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण जी ने गोवर्धन पर्वत को सात दिनों तक अपनी उंगली पर उठाकर रखा और सभी की रक्षा की थी। तब से ही हर साल गोवर्धन की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गोवर्धन पूजन करने से धन धान्य की प्राप्ति के साथ ही पशु स्वस्थ रहते हैं। इस दौरान सभी ने भगवान श्रीकृष्ण जी के जमकर जयकारे लगाए, जिससे आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर प्रभाष जिदल, सुभाष चंद्र, पंकज गर्ग, विनील लाला, प्रदीप कुमार, ललित मोहन शर्मा, रामभरोसे लाल यादव, तिलक राज, मुकुल, जितेंद्र, राजू, राकेश, उमेश यादव, कृष्ण कुमार, राधा, रश्मि, सुधा, ऋतु आदि मौजूद रहे।