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कोसी नदी में उफनाई, किनारे के कई गांव में मचाई तबाही

रामपुर उत्तराखंड के रामनगर बैराज से पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में बाढ़ आ गई है। स्वार दढि़याल और मसवासी क्षेत्र में नदी किनारे के गांवों में पानी घुस गया है। बाजपुर व काशीपुर मार्ग पर तीन फीट पानी बह रहा है। इस कारण यातायात बंद कर दिया गया है। फसलें डूब जाने से गुस्साए किसानों ने बिलासपुर में बाइपास पर जाम लगा दिया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 11:24 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 11:24 PM (IST)
कोसी नदी में उफनाई, किनारे के कई गांव में मचाई तबाही
कोसी नदी में उफनाई, किनारे के कई गांव में मचाई तबाही

रामपुर: उत्तराखंड के रामनगर बैराज से पानी छोड़े जाने से कोसी नदी में बाढ़ आ गई है। स्वार, दढि़याल और मसवासी क्षेत्र में नदी किनारे के गांवों में पानी घुस गया है। बाजपुर व काशीपुर मार्ग पर तीन फीट पानी बह रहा है। इस कारण यातायात बंद कर दिया गया है। फसलें डूब जाने से गुस्साए किसानों ने बिलासपुर में बाइपास पर जाम लगा दिया। बैराज से एक लाख 39 हजार क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है, जिसके आधी रात तक यहां पहुंचने की संभावना है। इसके बाद बाढ़ और भीषण रूप ले सकती है। इसे लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है। अधिकारी गांव-गांव पहुंचकर ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं।

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लगातार दो दिन हुई बारिश से कोसी नदी का जलस्तर पहले ही बढ़ गया था। सोमवार शाम रामनगर बैराज से भी 42500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया जो आज मसवासी, दढि़याल और पटवाई क्षेत्र में पहुंच गया। नदी किनारे बसे कई गांवों में भी बाढ़ का पानी घुस गया। फसलें जलमग्न हो गई। दढि़याल में अकबराबाद काशीपुर मार्ग पर पानी आ गया। इससे आवागमन बंद हो गया। स्वार और मसवासी क्षेत्र में भी सड़कों पर पानी बह रहा है। बिलासपुर में कई गांवों में फसलें जलमग्न हो गईं। इसके विरोध में किसानों ने बाइपास पर जाम लगा दिया। किसानों का आरोप है कि बाईपास बनाते समय जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई। इसी कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। प्रशासन ने कल शाम ही ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया था। इस कारण ग्रामीणों की पहले से ही जो करने थे। जिलाधिकारी रविद्र कुमार मांदड़ ने मंगलवार को भी जिले के तमाम अफसरों की बैठक बुलाई और बाढ़ राहत कार्य में जुट जाने के निर्देश दिए। अफसरों ने गांव- गांव जाकर स्थित का जायजा लिया। जिलाधिकारी श्री मांदड़ और मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज ने भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। दढि़याल में सड़कों पर पानी, यातायात बंद संवाद सूत्र, दढि़याल: कोसी नदी में उफान आने पर पानी के गांव अकबराबाद के जंगल में आ गया। सड़क पार कर पानी गांव में जाने की सूचना पर उपजिलाधिकारी टांडा डॉक्टर ज्योति गौतम, तहसीलदार टांडा राकेश चंद्रा , चौकी प्रभारी सतीश कुमार मय पुलिस पहुंच गए। लोगों को अलर्ट कर दिया। सुबह नौ बजे कस्बे के घाट पर साठ वर्षीय नवाब अली के नदी के तेज रफ्तार पानी में बहने की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सूचना पर क्षेत्राधिकारी स्वार धर्म सिंह मार्छल, टांडा थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह भी कोसी नदी घाट पर पहुंच गए। ग्रामीणों से उसके डूबने की जानकारी जुटाई। वहीं लोगों को रामनगर जलाशय से पानी कोसी नदी में छोड़े जाने की जानकारी देते हुए अलर्ट रहने की हिदायत दी। एक बजे कोसी नदी में पानी बढ़कर पुल के लाल निशान से भी ऊपर निकल गया। काशीपुर मार्ग से अकबराबाद की सड़क पर तीन फीट पानी बहने लगा। वहीं टांडा- बाजपुर मार्ग पर कोसी पुल से मुंशीगंज के आस-पास तीन चार स्थानों पर बाढ़ का पानी उतरने पर प्रसाशन ने काशीपुर-दढि़याल तथा टांडा-बाजपुर मार्ग का पूरी तरह आवागमन बंद कर दिया। अधिकारी गांव अकबराबाद में डेरा डाले हुए हैं । ----------------------- बाढ़ में बहकर आ रहे पशु और पक्षी संसू, दढि़याल: कोसी नदी में तेज बहाव के साथ पशु पक्षी भी बहकर आ रहे हैं। एक हिरन के बच्चे को गांव रामपुर धम्मन के ग्रामीणों ने बाहर लिया। वह घायल था। उसके मुंह से खून टपक रहा था। ग्रामीण मानवता दिखाते हुए उसको कस्बे के पशु चिकित्सालय ले गए । वहां पशु धन प्रसार अधिकारी संजीव चौधरी ने उसका उपचार कर 112 नंबर पुलिस को सौंप दिया। संजीव चौधरी ने बताया कि बच्चा पूरी तरह ठीक है । वन विभाग के कर्मचारियों को सौंप दिया है । इसी तरह मसवासी के गांव चौहद्दा के पास ग्रामीणों को पानी बहता मोर दिखाई दिया। ग्रामीणों ने काफी मशक्कत के बाद उसे पानी के बहाव से सुरक्षित निकाल लिया। ज्यादा समय पानी में रहने के कारण मोर की तबियत खराब हो गई। इसके चलते मोर उड़ने में असमर्थ हो गया। ग्रामीण निजी चिकित्सक से बीमार मोर का उपचार करा रहे हैं। लकड़ी निकालने के चक्कर में खुद ही पानी में डूबा संवाद सूत्र, दढि़याल: मंगलवार को 60 वर्षीय नबाव अली सुबह नौ बजे कोसी नदी के बहाव में बहकर आई लकड़ी पानी से निकालने गया था। तेज रफ्तार पानी ने उसको अपने आगोश में ले लिया। उसे डूबता देख दो युवकों ने तैरकर उसे निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक दूर निकल लापता हो चुका था। सूचना से उसके घर में कोहराम मचा हुआ है। शाम तक उसके मिलने की सूचना नहीं थी। घर में उसकी पत्नी तथा साला मोहम्मद अहमद का रोते बिलखते बुरा हाल है। चौकी प्रभारी सतीश कुमार तथा क्षेत्राधिकारी स्वार धर्म सिंह मार्छल ने बताया कि उसके डूबने की जानकारी जुटाई जा रही हैं। जमना-जमनी में कोसी ने मचाई तबाही, ग्रामीण छतों पर संसू, : मसवासी : कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण क्षेत्र के ग्राम जमना-जमनी, बेलवाड़ा और चौहद्दा समेत कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है। जमना-जमनी के ग्रामीणों ने घर की छत पर बैठकर सोमवार को रात गुजारी। इस गांव का अन्य गांवों से संपर्क कट गया है। किसानों ने खेतों पर जाना भी बंद कर दिया है। घोसीपुरा-पट्टीकलां गांव में रामनगर बैराज से छोड़े गए पानी से कोसी पुल समेत रेलवे पुल पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। दोनों पुलों के नीचे लाल निशान से ऊपर पानी बह रहा है। ग्रामीणों में चर्चा है कि यदि ऐसी स्थिति रही तब पुल किसी भी समय धराशाई हो सकते हैं। स्वार एसडीएम यमुनाधर चौहान ने ग्रामीणों से सतर्कता बरतने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन पूरी तरह से मदद में जुटा हुआ है। कोसी नदी के कटान से धंसा खटीमा पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग

संसू, मसवासी : कोसी नदी के तेज बहाव से खटीमा-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग का पिलर जमीन में धंस गया। इसके चलते नवनिर्मित मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। मंगलवार को नदी के पानी के तेज बहाव से पट्टीकलां में पिलर जमीन में धंस गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन ने मार्ग से गुजरने वाले सभी वाहनों पर रोक लगा दी है। जबकि आने जाने वाले वाहनों का रूट डायवर्ट कर एक ओर से निकाला जा रहा है। बांध भी क्षतिग्रस्त, घरों में घुसा पानी

संसू, स्वार : कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण नदी किनारे बसे ग्राम फाजलपुर, धनौरी, मधुपुरा, बंदरपुरा, अंधापुरी, पासियापुरा, समोदिया, खेमपुर, रसूलपुर, फरीदपुर, सोनकपुर, बजावाला, मुंशीगंज आदि गांवों में पानी घुस गया है। घरों में पानी भर जाने से काफी नुकसान हुआ है। बाढ़ से बचाव के लिए 12 साल पहले 14 करोड़ की लागत से बने लालपुर से मुंशीगंज बांध का सिचाई विभाग द्वारा निर्माण कराया गया था। बांध जगह जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बेरिकेडिग व स्पर तक बह गए हैं। बांध पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में एसडीएम यमुनाधर चौहान, सीओ धर्मसिंह मार्छाल, तहसीलदार अविनाश कुमार, कोतवाल हरेन्द्र सिंह टीम के साथ भ्रमण कर रहे हैं और मस्जिदों व मंदिरों से लाउडस्पीकरों से मुनादी कराई जा रही है। हैं। खेत कोसी नदी किनारे हैं। नदी में पानी भी हर वर्ष आता है। खेत में खड़ी फसल नष्ट हो जाती है, जिस कारण काफी नुकसान उठाना पड़ता है। याबर पाशा। कोसी नदी में पानी आ जाने के कारण चारा तो नष्ट हो गया है। पानी से जमीनों का कटान भी हो रहा है। बाढ़ के पानी से लोगों को काफी नुकसान हुआ है।

हाफिज जमील अहमद। सिचाई विभाग द्वारा करोड़ों रुपये की लागत से बने बांध की मरम्मत तक नही कराई गई है। बांध जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है। बांध पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। अनीस अहमद। नदी के बहाव में लकड़ी की बेरीकेडिग व पत्थर के स्पर अधिकतर बह गए हैं। बाढ़ से लोगो में भय बना है। घरों में पानी भर जाने से रोजी रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।

गगनदीप सिंह चीमा।

नदियों का जलस्तर बढ़ा, अधिकारियों ने दिए सतर्कता बरतने के निर्देश संसू, शाहबाद : रामगंगा एवं कोसी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इससे किनारे बसे ग्राम चंडिका मदारपुर, सूपा, मथुरापुर, बिचपुरी, घोसीपुरा, घनश्यामपुर, रेवड़ी कला, असालतपुर समेत दर्जनों गांवों के किसानों की चिता बढ़ गई है। इन गांव में ज्यादातर किसानों की खेती नदी के दूसरी ओर हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण अब किसान नदी पार की अपनी खेती नहीं देख पा रहे हैं। वहीं पशुओं के चारे का भी संकट गहरा गया है। मंगलवार को एसडीएम मनोज कुमार सागर ने रामगंगा एवं कोसी नदी के किनारे बसे कई गांवो का निरीक्षण किया। नदियों में बढ़े जलस्तर को देखकर ग्रामीणों को सतर्क रहने को कहा। इस दौरान उन्होंने नदी किनारे बसे गांव का भ्रमण कर जायजा भी लिया। इस दौरान गांव के लेखपालों को सख्त निर्देश दिए है की समय-समय पर बाढ़ के हालत को लेकर सूचित करें। साथ ही लेखपालों व ग्रामीणों से कहा गया है कि नदियों के बढ़ते जलस्तर में कोई भी ग्रामीण नदी पार न जाए। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को भी एलर्ट कर दिया है। देर शाम मुख्य विकास अधिकारी गजल भारद्वाज मदारपुर गांव पहुंची और उपजिलाधिकारी मनोज कुमार सागर एवं खंड विकास अधिकारी डा.वरुण चतुर्वेदी को आवश्यक निर्देश दिए।


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