अपनों ने की थी पिता-पुत्र की हत्या, भाई-भाभी गिरफ्तार
अपनों ने की थी पिता-पुत्र की हत्या भाई-भाभी गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, रामपुर : अयोध्या फैसले की सुबह जिस दोहरे हत्याकांड ने पुलिस की नींद उड़ा दी थी, उसका 40 दिन बाद पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में बुजुर्ग दंपती को गिरफ्तार किया है। सगे भाई ने ही अपनी पत्नी के साथ मिलकर पिता-पुत्र की नृशंस हत्या की थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
दोहरे हत्याकांड का यह मामला सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र का है। यहां सालों से बंद पड़ी रजा टैक्सटाइल फैक्ट्री के मकानों में 60 वर्षीय आनंद उर्फ नंदा अपने मंदबुद्धि 28 वर्षीय बेटे शुभम उर्फ नानू के साथ रहते थे। नौ नवंबर की रात पिता-पुत्र घर में सो रहे थे। सुबह दोनों रक्तरंजित हालत में मिले थे। तब पिता की सांसें चल रही थी, जबकि बेटे की मौत हो चुकी थी। पिता को जिला अस्पताल भर्ती कराया। बाद में परिजन टीएमयू मुरादाबाद ले गए। वहां डॉक्टरों के जवाब देने पर घर ले आए। बाद में उनकी भी मौत हो गई। 10 नवंबर को अयोध्या विवाद पर फैसला आना था। पुलिस पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का दबाव था। ऐसे में दोहरे हत्याकांड ने पुलिस की नींद उड़ा दी थी।
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक डॉ. अजयपाल शर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह आदि अधिकारी फोर्स के साथ वहां पहुंच गए थे। फारेंसिक टीम को बुलाया गया था। इस मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने पास में ही रहने वाले मृतक के भाई प्रेम तिवारी की शिकायत पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया था। मुकदमा अज्ञात में किया था। 11 नवंबर को आइजी रमित शर्मा ने भी घटनास्थल पहुंचकर जानकारी की थी और पुलिस को शीघ्र कातिलों को पकड़ने के निर्देश दिए थे।
गुरुवार को अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने हत्यारोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि कातिल मुकदमे का वादी और उसकी पत्नी निकले। मृतक नंदा वादी का सगा भाई था। पूछताछ में हत्यारोपित प्रेम तिवारी ने बताया कि उसका भाई चरित्रहीन था। उसके कई महिलाओं से संबंध थे। इसके कारण मुहल्ले में उनकी बहुत बदनामी हो रही थी। भाई के दो बेटे भी थे, जिसमें एक मंदबुद्धि नानू उनके साथ रहता था। दूसरा बेटा अनुज हापुड़ में नौकरी करता था। पिता की गलत हरकतों के चलते उसकी भी शादी नहीं हो पा रही थी। भाई के कारण मैं और मेरी माधुरी तिवारी पत्नी परेशान थे। इस पर हमने भाई को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। इसके तहत घटना की रात तीन बजे मैं अपनी के साथ भाई के घर पहुंचे। आवाज देकर दरवाजा खुलवाया। अंदर जाकर भाई के सिर पर हथौड़े से वार किया। वह जमीन पर गिर पड़ा। हम भतीजे को नहीं मारना चाहते थे, लेकिन वह जाग गया था और चिल्लाने लगा। इस पर उसके सिर पर भी हथौड़े और पेचकस से वार किए। दोनों को मरा जानकर हम अपने घर आकर सो गए। सिविल लाइंस कोतवाल विजेंद्र सिंह ने बताया कि हत्यारोपित दंपती को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया है। बेरहमी से किया था पिता-पुत्र का कत्ल
घटनास्थल पर फैला खून और लहूलुहान पड़े पिता-पुत्रों को देखकर लग रहा था कि उनका कत्ल बेरहमी से किया गया था। दोनों पर वजनदार और नुकीले हथियारों से हमला किया गया था। मंदबुद्धि बेटे का गला भी दबाया गया। उसके सिर पर नुकीले हथियार से कई वार किए गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बेटे के सिर में तीन घाव के निशान मिले थे, जबकि पिता के सिर पर वजनदार हथियार से कई वार किए गए थे। इससे उनके सिर की तीन हड्डियां फ्रैक्चर हो गई थीं। एक हड्डी टूटकर भेजे में घुस गई थी। माथे पर भी चोट की थी, जिससे माथे की हड्डी टूटकर पीछे धंस चुकी थी। बायीं आंख पर इतनी ताकत से मारा गया था कि आंख अंदर धंस गई थी।
पुलिस का शक शुरू से परिचित पर था
घटना के बाद पुलिस ने जब जांच पड़ताल की तो शक की सुई किसी परिचित पर आकर अटक रही थी। दरअसल, मरने वाले पिता की किसी से रंजिश नहीं थी। आसपास के लोग उनके व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं और उनका बेटा मंदबुद्धि था। घटना के समय दोनों सो रहे थे। दोनों की हत्या किसी परिचित द्वारा किया जाना लग रहा है, क्योंकि गृह स्वामी रात में मुख्य दरवाजे पर अंदर से ताला लगाते थे। घटना की सुबह ताला खुला था और पास में ही रखा मिला था। इससे लगता है कि किसी परिचित के लिए ताला खोला गया था। घटना को देर रात के बजाय तड़के अंजाम दिया गया है, क्योंकि घटनास्थल पर जो खून मिला था, वह जमा नहीं था।
सिविल लाइंस कोतवाल पर गिरी थी गाज
दोहरे हत्याकांड की घटना जब हुई थी, तब सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी राधेश्याम थे। पुलिस अधीक्षक ने घटना के खुलासे को क्राइम ब्रांच के साथ ही सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस की टीमें लगाई थीं। घटना के अनावरण में देरी पर एसपी ने इंस्पेक्टर राधेश्याम को हटा दिया था। उनके स्थान पर इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह को सिविल लाइंस कोतवाली का प्रभारी बनाया था।