फर्जी एएसआइ बनकर बरेली की युवती से ठगे थे एक लाख
रामपुर: सीआरपीएफ केंद्र की सुरक्षा में सेंध लगाकर घुसे इटावा के युवक मोहित तिवारी ने फर्जी ए
रामपुर: सीआरपीएफ केंद्र की सुरक्षा में सेंध लगाकर घुसे इटावा के युवक मोहित तिवारी ने फर्जी एएसआइ बनकर बरेली की एक युवती को प्रेम जाल में फंसाकर एक लाख रुपये ठग लिए थे। उसने एएसआइ की वर्दी पहने अपनी फोटो वाट्सएप पर लगा रखी थी। वह युवती को सीआरपीएफ में एएसआइ बताता था। युवती से उसने एक लाख रुपये भी यह कहकर ले लिए थे कि अभी उसकी तनख्वाह नहीं मिली है। पैसे घर भेजने हैं। तनख्वाह मिलने पर वह रकम लौटा देगा। झांसे में आकर युवती ने उसके बैंक खाते में एक लाख रुपये दे दिए। अब उसके फर्जी एएसआइ होने की जानकारी मिलने पर युवती भी शुक्रवार को सिविल लाइंस कोतवाली पहुंच गई। पुलिस के सामने ही युवती ने फर्जी एएसआइ को खूब खरी खोटी सुनाई। साथ ही अपने साथ हुई ठगी से पुलिस को अवगत कराकर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगी। युवक के परिवार वालों ने युवती की रकम लौटा दी, जिस पर युवती ने कार्रवाई करने से मना कर दिया।
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परिजनों ने नहीं कराई जमानत
-फर्जी सीआरपीएफ अधिकारी बने युवक से उसके परिजनों ने भी हकीकत पता चलने पर किनारा कर लिया। परिजन उसकी जमानत कराने के बजाय घर वापस लौट गए। यही वजह रही कि जमानती अपराध होने के बावजूद कोई उसकी पैरवी करने नहीं आया, जिसके चलते अदालत ने उसे जेल भेज दिया। परिवार वालों से भी मोहित ने बोला था झूठ
गेस्ट हाउस में नाश्ता कराकर वापस करने का था इरादा
जागरण संवाददाता, रामपुर : फर्जी एएसआइ (सहायक उप निरीक्षक) बनकर सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में घुसे मोहित तिवारी को पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि युवक इटावा की मरथना तहसील के थाना बकेबर अंतर्गत जेहानी गांव निवासी नरेश तिवारी का बेटा है। उसने पहले सीआरपीएफ भर्ती परीक्षा दी थी, जिसमें पास नहीं हो पाया था जबकि परिजनों से उसने झूठ बोल दिया कि उसकी सीआरपीएफ में नौकरी लग गई है। रामपुर में उसने अपनी तैनाती बताई थी। घर से बाहर रहता था, इसलिए परिवार को शक भी नहीं होता था, लेकिन परिवार वालों को पैसा नहीं मिला तो उन्हें शक होने लगा। उन्होंने सच्चाई का पता लगाने के लिए कहा कि हम मिलने आ रहे हैं। मोहित ने परिवार वालों के मिलने आने की बात कहते ही रामपुर सीआरपीएफ के गेस्ट हाउस में नाश्ता कराने की प्लानिंग कर डाली। उसका इरादा यह था कि गेस्ट हाउस का कमरा खुलवाने के बाद परिवार वालों को नाश्ता कराकर घर वापस कर देगा। इससे उसके झूठ की पोल नहीं खुलेगी। गुरुवार को अपराह्न करीब दो बजे सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के गेट नंबर एक से घुसते समय उसने सीआरपीएफ के एएसआइ की वर्दी पहन रखी थी। वर्दी में देख सुरक्षा कर्मियों ने उससे पूछताछ नहीं की। युवक के साथ उसके परिजन थे। उसने जैसे ही गेस्ट हाउस खोलने को कहा सुरक्षा कर्मियों ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। अधिकारियों ने जब उससे बात की तो उन्हें शक हो गया। सख्ती से पूछताछ करने पर युवक की पोल खुल गई। इस तरह वर्दी में अनजान युवक के संवदेनशील क्षेत्र में घुसने पर सीआरपीएफ प्रशासन में हड़कंप मचा। सीआरपीएफ अधिकारियों ने पुलिस बुलाकर उसे सौंप दिया था। पुलिस ने उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करके कोर्ट के आदेश पर शनिवार को जेल भिजवा दिया है। सिविल लाइंस कोतवाल सुधीर कुमार ने बताया कि आरोपित के बारे में अन्य जानकारी कराई जा रही है, जो अन्य तथ्य प्रकाश में आएंगे उन्हें भी विवेचना में शामिल कर लिया जाएगा।