दिल्ली से शाहजहांपुर जा रहा परिवार तीन दिन से चल रहा पैदल
स्वयंसेवकों ने बचों को बांटे फल व बिस्कुट
जागरण संवाददाता, मिलक : पूरे देश में लॉकडाउन के चलते पैदल ही अपने घरों को निकले दिहाड़ी मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों को सामाजिक संस्था के स्वयंसेवकों ने फल वितरण किए और उन्हें भोजन कराया। हाईवे स्थित रौरा कलां बाइपास पर गुरुवार की रात दिल्ली से पैदल चलकर अपने-अपने घरों को जा रहे दिहाड़ी मजदूरों के परिवारों ने हाईवे किनारे सड़क पर खुले आसमान के नीचे रात गुजारी। सुबह होने पर कुछ सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता उनके पास पहुंचे। भूख-प्यास से बिलख रहे बच्चों को बिस्कुट और पानी पिलाया। लंबी दूरी पैदल चल कर आने के कारण महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत खराब होती देख स्वयंसेवकों ने उन्हें दवाइयां बांटी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मजबूर परिवारों को भोजन के पैकेट बांटे। लोगों से जानकारी लेकर रजिस्टर में दर्ज किया। सामाजिक संस्था और पुलिसकर्मियों द्वारा भोजन देने पर उन लोगों की आंखों में आंसू आ गए। रोते हुए बृजलाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी और छह व आठ वर्षीय पुत्रियों के साथ दिल्ली से पैदल चलकर शाहजहांपुर जा रहा है। उसकी पत्नी गर्भवती है, फिर भी वह उसके साथ पैदल जाने को मजबूर है। वे सभी दिल्ली स्थित फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। लॉकडाउन घोषित होने पर फैक्ट्री बन्द कर दी गई। फैक्ट्री मालिक ने मजदूरी देने से मना करते हुए उन्हें, फैक्ट्री छोड़कर जाने को कह दिया। दिल्ली में उनके पास न तो मकान था और न ही कमाने-खाने का कोई जरिया। रेल और बस साथ-साथ प्राइवेट वाहन भी बंद कर दिए गए। ऐसे में सभी मजदूरों के साथ वे पैदल ही घर जाने के लिए निकल पड़ा। पिछले तीन दिनों से बिना भोजन, भूखे-प्यासे वे लोग लगातार पैदल चल रहे हैं। कुछ नहीं कह सकते कि वे कितने दिनों में अपनी मंजिल पहुंचेंगे।