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प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रभाषा का करना चाहिए सम्मान

बिलासपुर, ¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठा जागीर में ¨हदी दिवस समारोह का

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 10:49 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 10:49 PM (IST)
प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रभाषा का करना चाहिए सम्मान
प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रभाषा का करना चाहिए सम्मान

बिलासपुर, ¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में पूर्व माध्यमिक विद्यालय कोठा जागीर में ¨हदी दिवस समारोह का आयोजन किया। समारोह को संबोधित करते हुए उमेश राठौर ने कहा कि ¨हदी दिवस के ऐतिहासिक पलों को याद कर आज का यह दिन ¨हदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को ही ¨हदी को देवनागरी लिपि में

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आधिकारिक रूप से देश की राजभाषा का दर्जा दिया गया था।तभी से 14 सितंबर को

¨हदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कहा कि ¨हदी हमारी मातृभाषा है। ¨हदी

दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।

हमारे देश के अलावा नेपाल, सूरीनाम, बांग्लादेश, पाकिस्तान, मारीशस आदि में भी

¨हदी बोली जाती है।कहा कि यह सही है कि तकनीकी विकास के इस युग में आज हर कोई इंग्लिश सीखना और बोलना चाहता है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि हम अपनी मातृभाषा को तिरस्कृत करें। हमें अपनी राष्ट्रभाषा पर गर्व होना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को राष्ट्रभाषा का सम्मान करना चाहिए। कार्यक्रम में ममता सक्सेना, सीमा सुल्तान, प्रगति तोमर, रवनीत कौर आदि ने विचार व्यक्त किए । इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में स्वाति ने प्रथम तथा सुमन ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। बाद में प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।

टांडा : सरस्वती कन्या डिग्री कालेज सरकथल में ¨हदी दिवस के अवसर पर छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

प्रबंधक राजकुमार चौहान एडवोकेट व प्राचार्य डा. ज्योति चौहान ने छात्राओं को ¨हदी को बढ़ावा देने की शपथ दिलाई। प्रवक्ता यासमीन खान, राजेन्द्र ¨सह, सुनैना वर्मा, महेंद्र ¨सह, विजयपाल आदि मौजूद रहे।उधर महाराजा पृथ्वीराज चौहान डिग्री कालेज सरकथल में ¨हदी दिवस के अवसर पर प्राचार्य डा. अशोक कुमार ने ¨हदी को भारत की आत्मा बताते हुए कहा कि यह सांस्कृतिक धरोहर भी है। प्रवक्ता डा. विष्णु दत्त ने कहा कि भारत को अंग्रेजों से तो मुक्ति मिल गई, लेकिन अंग्रेजी का प्रभाव अब तक बना है। प्रबंधक सुरेश ¨सह चौहान ने देश में तेजी से खुल रहे अंग्रेजी के स्कूलों को चुनौती करार दिया। डा. जुल्फिकार, डा. रियासत अली, डा. अर¨वद, हरिओम, प्रदीप कुमार, एसबी यादव, डा. नेमपाल ¨सह आदि मौजूद रहे।

उधर सरस्वती विद्या मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में अभिभावक गोष्ठी व ¨हदी दिवस के अवसर पर छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का शुभारंभ कोतवाली प्रभारी जीत ¨सह ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में छात्राओं दिव्या, कंचन, महिमा, राधिका आदि ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत तान्या, चंद्रा, आकांक्षा, काजल, कीर्ति आदि ने प्रस्तुत किया। छात्राओं पलक, नंदिनी, शालिनी, वंशिका, प्रेरणा, मीनाक्षी, कीर्ति चंद्रा आदि ने सुंदर गीत प्रस्तुत किया। कोतवाली प्रभारी जीत ¨सह ने अनुशासन को शिक्षा की प्राथमिक पाठशाला बताया। संचालन प्रधानाचार्य महेंद्र ¨सह ने किया।इस अवसर पर विद्यालय के अवधेश कुमार, कुलदीप कुमार गुप्ता, विनोद कुमार वर्मा, देवेन्द्र ¨सह, मीना तिवारी, शोभा गुप्ता, गब्बर ¨सह, सुमील कुमार, काजल, लता, सुनीता, नीलम चौहान, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक बब्लू ¨सह चौहान आदि मौजूद रहे।

स्वार : रजानगर महाविद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें वाणिज्य संकाय प्रोफेसर डा. चितरांजन ¨सह हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह अटल सत्य है कि व्यक्तित्व का विकास अपनी ही भाषा के पठन- पाठन से संभव है। विदेशी भाषा के माध्यम से पढ़ने के कारण विधार्थी अपने विचारों को पूरी तरह सहजता के साथ व्यक्त नहीं कर पाता। परिणाम स्वरुप उसके व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास नहीं हो पाता।राजनैतिक विज्ञान डा. मुद्दब्बीर कमर एवं डा. पवन कुमार ने भी अपने विचार रखे ।अध्यक्षता प्राचार्य डा. कैलाश चन्द्र व संचालन डा.जोगेंद्र कुमार ने किया।


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