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अस्पतालों में डॉक्टरों का अकाल, आयुर्वेदिक चिकित्सा का बुरा हाल

जागरण संवाददाता रामपुर जिले में आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा खुद बीमार होने लगी है। यहां अस्पतालों में मरीज तो आते हैं लेकिन उन्हें देखने के लिए पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 May 2019 11:21 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 11:21 PM (IST)
अस्पतालों में डॉक्टरों का अकाल, आयुर्वेदिक चिकित्सा का बुरा हाल
अस्पतालों में डॉक्टरों का अकाल, आयुर्वेदिक चिकित्सा का बुरा हाल

रामपुर : जिले में आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा खुद बीमार होने लगी है। यहां अस्पतालों में मरीज तो आते हैं, लेकिन उन्हें देखने के लिए पर्याप्त चिकित्सक नहीं हैं। स्टाफ भी कम है। इससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव मदद कर रही है, लेकिन आयुर्वेदिक और यूनानी जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धति को अनदेखा किया जा रहा है। जिले में ये चिकित्सा पद्धति दम तोड़ती नजर आ रही हैं। यहां आयुर्वेदिक और यूनानी के 19 अस्पताल हैं। इनमें आयुर्वेदिक के 13 अस्पताल हैं, जिसके लिए 15 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं। इसके इतर डॉक्टर मात्र नौ ही तैनात हैं। छह पद खाली हैं। दो पद चीफ फार्मासिस्ट के हैं, लेकिन दोनों ही खाली पड़े हैं। इसी तरह सिस्टर का एक और स्टाफ नर्स के छह पद स्वीकृत हैं और सभी खाली हैं। छह फार्मासिस्ट से काम चलाना पड़ रहा है, जबकि इनके 15 पद स्वीकृत हैं। यही हाल यूनानी अस्पतालों का है। यूनानी अस्पतालों की संख्या छह है और डॉक्टरों के सात पद हैं, लेकिन पांच डॉक्टर ही तैनात हैं। दो पद खाली पड़े हैं। फार्मासिस्ट के भी छह पद खाली पड़े हैं, जबकि नौ पद स्वीकृत हैं। ऐसा नहीं है कि इन अस्पतालों में मरीज नहीं आते हैं। प्रत्येक अस्पताल में रोजाना 40 से 50 मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं मिल पाते। एक-एक चिकित्सक पर दो-दो अस्पताल हैं। ऐसे में वे एक अस्पताल में तीन दिन बैठते हैं। डॉक्टरों के न होने पर फार्मासिस्ट ही मरीज देखते हैं।

आयुर्वेदिक एवं यूनानी क्षेत्राधिकारी का पद भी खाली

-जिले के आयुर्वेदिक और यूनानी 19 अस्पतालों में जहां डॉक्टर और स्टाफ की कमी है, वहीं आयुर्वेदिक एवं यूनानी क्षेत्राधिकारी का पद भी खाली पड़ा है। फिलहाल मिलक के क्रमचा गांव स्थित अस्पताल में तैनात डॉ. आइएच खान इस पर का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे हैं। वह बताते हैं कि निदेशालय को प्रत्येक माह स्टाफ की कमी के संबंध में लिखा जा रहा है। तब तक जिन अस्पतालों में पद खाली हैं, वहां उसके आसपास जो भी अस्पताल हैं, वहां के चिकित्सक ही तीन-तीन दिन दोनों जगह बैठकर मरीज देखते हैं। जिन आयुर्वेदिक अस्पतालों में चिकित्सक के पद रिक्त हैं, उनमें गुलड़िया मिलक, सींगनखेड़ा, हरनगला, स्वार, मीरापुर और बिलासपुर हैं। इसके अलावा किरा शाहबाद और टांडा बादली के यूनानी अस्पताल में चिकित्सक के पद खाली हैं। आयुर्वेदिक अस्पतालों में स्टाफ की स्थिति

पदनाम स्वीकृत पद तैनात रिक्त

डॉक्टर 15 09 06

चीफ फार्मेसिस्ट 02 00 02

सिस्टर 01 00 01

स्टाफ नर्स 06 00 06

फार्मेसिस्ट 15 06 09

वार्ड ब्वाय 17 07 10

सफाई कर्मी/चौकीदार 16 11 05 यूनानी अस्पतालों में स्टाफ की स्थिति

पदनाम स्वीकृत पद तैनात रिक्त

डॉक्टर 07 05 02

फार्मेसिस्ट 09 01 08

वार्ड ब्वाय 09 02 07

सफाई कर्मी/चौकीदार 05 02 03

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