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    दिव्यांग की शिकायत सुनकर दंग रह गए डीएम अजय कुमार द्विवेदी, तत्काल निलंबित किए पंचायत अधिकारी मोहसिन

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 01:18 PM (IST)

    रामपुर में एक पंचायत अधिकारी ने सत्यापन रिपोर्ट में दो जीवित दिव्यांगों को मृत दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी। शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पंचायत अधिकारी मोहसिन को निलंबित कर दिया। जांच में दिव्यांगों के जीवित होने की पुष्टि हुई। डीएम ने बीडीओ को भी नोटिस जारी किया और पेंशन तुरंत बहाल करने के आदेश दिए।

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, रामपुर। एक पंचायत अधिकारी ने लापरवाही की सारी हदें पार कर दी। सत्यापन रिपोर्ट में उसने दो दिव्यांगों को मृत दर्शाकर उनकी पेंशन पर रोक लगवा दी। पेंशन बंद होने से परेशान दिव्यांगों ने जब जिलाधिकारी से शिकायत की तो हकीकत सामने आई। डीएम ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी मोहसिन को निलंबित कर दिया है।
    सोमवार को जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय में जन सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान मिलक तहसील के ग्राम पंचायत रहसैना के रहने वाले शमीम एवं अमीर अहमद ने उन्हें शिकायती पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने बताया कि वे पैरों से दिव्यांग हैं। उन्हें दिव्यांगता व वृद्धावस्था पेंशन मिल रही थी। पिछले दिनों किए गए सत्यापन के दौरान ग्राम पंचायत अधिकारी मोहसिन ने उन्हें मृतक दिखाकर उनकी पेंशन रोक दी है।

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    मिलक के बीडीओ को भी कारण बताओ नोटिस जारी

    शिकायत सुनकर जिलाधिकारी भी सन्न रह गए। उन्होंने खंड विकास अधिकारी मिलक को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। जांच में दोनों दिव्यांगों के जीवित होने की पुष्टि हुई। इसके बाद डीएम ने ग्राम पंचायत अधिकारी मोहसिन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही मृतक दिखाकर रोकी गई पेंशन की धनराशि संबंधित लाभार्थियों को तुरंत दिलाने के निर्देश दिए।

    डीएम ने इस मामले में मिलक के खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार को शिथिल पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनको कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं शिथिलता पाई गई तो और कठोर कार्रवाई की जाएगी।


    छह महीनों से बाधित थी पेंशन

    पंचायत सचिव ने मई में दोनों दिव्यांगों के मृत होने की रिपोर्ट लगाई थी। तब से दोनों की पेंशन बंद हो गई थी। इन्हें प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये पेंशन मिलती थी। इस लिहाज से दोनों को अब तक छह-छह हजार रुपये की चपत लग चुकी है। अधिकारी अब जिम्मेदार पंचायत सचिव व बीडीओ के वेतन से इनके नुकसान की भरपाई कराने की भी तैयारी कर रहे हैं।




    दिव्यांगजनों के बारे में गलत रिपोर्ट लगाना कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही का मामला है। इसीलिए आरोपित पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है। प्रथम दृष्टया बीडीओ की भी पर्यवेक्षण में शिथिलता प्रतीत हो रही है। उनसे भी जवाब तलब किया गया है। ऐसे प्रकरण में कठोर कार्रवाई ही की जाएगी। अजय कुमार द्विवेदी, जिलाधिकारी