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जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाएं किसान

रामपुर: जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर ¨सह ने कहा कि किसान जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाए

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 10:11 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 10:11 PM (IST)
जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाएं किसान
जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाएं किसान

रामपुर: जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर ¨सह ने कहा कि किसान जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाएं। वह कृषि भवन परिसर में हुई जनपदीय रबी गोष्ठी में बोल रहे थे।

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जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों का हित एवं उन्हें बेहतर लाभकारी सुविधाएं प्रदान करना शासन एवं प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसा पहली बार हो रहा है जिसमें रजिस्टर्ड किसानों से ही धान क्रय किया जा रहा है, जिससे बिचौलियों के कारण पूर्व में होने वाली समस्याओं पर अंकुश लगाना सम्भव हो सका है। उन्होने किसानों को लेमन ग्रास की फसल के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा कहा कि इस फसल से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिलेगी। आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति से कृृषि को महत्व दें। फसल के बेहतर लाभ लेने के लिए कृृषि वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर जैविक खेती को उपज का माध्यम बनाएं। रासायनिक दवाओं का यथासम्भव कम प्रयोग करें जिससे फसल में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की उपस्थिति बनी रहे और वे मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध हो सके। उन्होने कहा कि पराली को खेत में बिल्कुल न जलाएं, क्योंकि इससे खेत की उपजाऊ क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा किसानों के मित्र कहे जाने वाले केचुए एवं अन्य आवश्यक जीवाणु जलकर नष्ट हो जाते है। पराली के अनेक आर्थिक महत्व है उनके बारे में जानकारी प्राप्त करके पराली से आर्थिक संसाधन जुटाने की दिशा में प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देशानुसार जनपद के विभिन्न तहसीलों में पराली जलाने पर जुर्माना लगाया गया है क्योंकि इससे खेती के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। किसान ओला, अतिवृष्टि या अन्य किसी कारण से फसल नष्ट होने की आशंका की दशा में फसल बीमा अवश्य करायें जिससे फसलों की क्षति होने पर बीमा कम्पनी से मुआवजा मिल सके। इस दौरान उन्होंने किसानों की हैंडपम्प, शौचालय, ¨सचाई, गन्ना मूल्य भुगतान सहित विभिन्न समस्याएं भी सुनीं तथा उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण किया जाएगा।

मुख्य विकास अधिकारी शिवेन्द्र कुमार ¨सह ने कहा कि पुरानी पद्धति से खेती करने से आय में बढ़ोत्तरी सम्भव नहीं है, जबकि बेहतर जीवन शैली एवं स्वास्थ्य व आधुनिकता से जुड़ने के लिए आय में बढ़ोत्तरी होना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में आधुनिक यन्त्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कृृषि यन्त्रों की खरीद पर अनुदान प्रदान किया जा रहा है। जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी ने संयुक्त रूप से आधुनिक तरीके से खेती करने वाले 14 कृृषकों को सरसों व मसूर के बीज के मिनी किट का प्रदान किए।

इस अवसर पर उप निदेशक कृृषि बृजेश चन्द्र, जिला कृृषि अधिकारी चन्द्रगुप्त सागर, जिला गन्ना अधिकारी हेमराज, लीड बैंक मैनेजर अशोक कुमार वर्मा सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एवं भारी संख्या में कृषक उपस्थित रहे।


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