ट्राईसाइकिल पाते ही खिल उठे दिव्यांगों के चेहरे
रामपुर : मुहल्ला घेर उसमान खां की नैना रस्तोगी जन्म से दिव्यांग है। वह पूरी तरह लाचार है
रामपुर : मुहल्ला घेर उसमान खां की नैना रस्तोगी जन्म से दिव्यांग है। वह पूरी तरह लाचार है। वह चलने-फिरने में असमर्थ है, लेकिन शनिवार को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे ट्राईसाइकिल दी तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। मुख्यमंत्री ने उसके माता-पिता के बारे में पूछा तो दिव्यांग के साथ आए वार्ड सभासद दिनेश कुमार दिन्ने ने बताया कि उसकी मां नहीं है। पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उसके लालन-पालन की जिम्मेदारी वह खुद उठा रहे हैं। जब से वह इस ट्राईसाइकिल पर बैठी है, तब से बेहद खुश है। इस पर मुख्यमंत्री ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा। इस पर वहां मौजूद दूसरे दिव्यांगों के चेहरों पर भी मुस्कान आ गई। कुछ दिव्यांग मुख्यमंत्री को हाथ के इशारे से अपने पास बुलाने लगे। वे खुद को भाग्यशाली समझ रहे थे कि मुख्यमंत्री ने ट्राइ साइकिल, कान की मशीन आदि उपकरण देकर उनकी लाचारी को दूर कर दिया। मुख्यमंत्री ने 11 दिव्यांगों को अपने हाथ से उपकरण दिए। ये दिव्यांग सामाजिक अधिकारिता शिविर एवं निश्शुल्क सहायक उपकरण वितरण समारोह में आए थे, जहां मुख्यमंत्री उन्हें ट्राईसाइकिल, कान की मशीन आदि उपकरण बांटने आए थे। इस समारोह में 2211 दिव्यांगों को उपकरण बांटे गए। नारायनपुर गांव से प्रेमपाल अपने दो बेटों के साथ आए थे। उन्होंने बताया कि एक बेटा 20 साल का भूपेंद्र है और दूसरा 16 साल का शेर ¨सह। दोनों ही जन्म से दिव्यांग हैं। छोटा बेटा तो इतना लाचार है कि उसे कंधे पर बैठाकर लाए थे। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री से मिली यह सहायता उनके लिए बेहद मददगार होगी। दिव्यांग बेटों को अब कहीं लाने ले जाने में दिक्कत नहीं होगी। इनके अलावा महूनागर की रूपवती, सराय कदीम का अबरार अहमद, सकटुआ बिलासपुर का मोहम्मद सुहेल, हमीदाबाद मिलक का अनिल कुमार, पुलपुरी मिलक की जहरा और बेरखेड़ा बिलासपुर के हरपाल ¨सह ने भी ट्राईसाइकिल व उपकरण पाकर खुशी जाहिर की।