कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएं अधिवक्ता
जिला जज ने अधिवक्ताओं को किया सम्मानित
रामपुर : अधिवक्ता दिवस पर मंगलवार को बार एसोसिएशन सभागार में हुए कार्यक्रम में जिला जज अलका श्रीवास्तव ने अधिवक्ताओं को सम्मानित किया। वरिष्ठ एवं युवा अधिवक्ताओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मान दिया गया। इसके अलावा सबसे अधिक वकालतनामा लगाने पर मोहम्मद यासीन और शाहाब शाकिर खां को सम्मान मिला। इस मौके पर जिला जज ने कहा कि अधिवक्ता अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएं, ताकि वादकारियों को सस्ता, सुलभ एवं अति शीघ्र न्याय मिल सकें। बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद लोधी ने सभी अधिवक्ताओं को इस दिवस की बधाई दी। यूथ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित शर्मा ने कहा कि युवा अधिवक्ताओं को पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी से वादकारियों के हित की आवाज उठानी चाहिए। यूथ बार एसोसिएशन के महासचिव अब्दुल सबूर खां ने कहा कि अधिवक्ता के साथ विद्वान शब्द का प्रयोग किया जाता है। ऐसे में हमें अपने पेशे और विद्वान शब्द का सम्मान करना चाहिए। इस मौके पर सतीश चंद्र, ब्रहमपाल, अमरपाल पटेल, रिशी पांडेय, यादराम लोधी, इश्तयाक अली, सदाकत हुसैन, जयदीप माथुर, नासिर सुल्तान, सचिन लोधी आदि मौजूद रहे। जीएसटी पंजीयन में अधिवक्ता की व्यवस्था को जरूरी बनाया जाए
रामपुर : अधिवक्ता दिवस पर टैक्स बार एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, वित्त सचिव आदि को पत्र भेजकर कुछ मांगों को पूरा किए जाने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश कुमार अग्रवाल और सचिव अंकुर अग्रवाल की ओर से भेजे पत्र में कहा है कि पहले सेल टैक्स में व्यापार के लिए पंजीयन कराने पर अधिवक्ता की जरूरत होती थी। तब अधिवक्ता की पहचान के कारण सही व्यापारी ही पंजीयन कराते थे। अब जीएसटी लागू होने के बाद कोई भी पंजीयन करा सकता है। पंजीयन कराने वाले को किसी से पहचान की आवश्यकता न होने से कई लोग फर्जी नाम और प्रपत्र का इस्तेमाल पंजीयन में करते हैं और इस तरह टैक्स की चोरी कर रहे हैं। जीएसटी में पंजीयन हेतु फर्जी फमों से बचने के लिए पूर्व की भांति अधिवक्ता के माध्यम से पंजीयन व्यवस्था की जाए। कर निर्धारण, विवरण सत्यापन प्रक्रिया में कर अधिवक्ता की भूमिका अनिवार्य की जाए। जीएसटी पंजीयन फर्म में प्रतिनिधि की व्यवस्था में अधिवक्ता कॉलम है। इसमें पंजीयन प्राप्तकर्ता को अपने अधिवक्ता का नाम, पैन, मोबाइल आदि डिटेल भरनी होती है। वर्तमान में यह व्यवस्था वैकल्पिक है। इसे अनिवार्य बनाया जाए।