इतनी जल्दी विक्रम लैंडर का पता चलने की नहीं थी उम्मीद
इसरो में कार्यरत रामपुर के वैज्ञानिक ने परिजनों से बात करके बांटी खुशी
जागरण संवाददाता, रामपुर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कार्यरत रामपुर के वैज्ञानिक संदीप चौहान ने भी विक्रम लैंडर की लोकेशन मिलने पर इस खुशी को अपने परिजनों के साथ साझा किया। उन्होंने रविवार को दोपहर बाद ज्वालानगर साईं विहार में रहने वाले परिजनों को फोन किया। फोन पर हुई बातचीत के संबंध में उनके बड़े भाई डॉ. कुलदीप चौहान ने बताया कि इसरो के वैज्ञानिकों में इस जानकारी के बाद खुशी की लहर है। अब वैज्ञानिकों को चंद्रयान टू मिशन के शत-प्रतिशत सफल होने की प्रबल संभावना नजर आने लगी है। विक्रम लैंडर से अचानक संपर्क टूटने के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि हार्ड लैंडिग के कारण ऐसा हुआ होगा। दरअसल, विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग कराने के हर संभव प्रयास किए थे। किसी तकनीकी कमी के चलते लैंडिग हार्ड हो गई होगी, जिससे वह अभी निष्क्रिय हो गया है। उम्मीद थी कि कुछ दिन में उसका पता चल जाएगा, लेकिन इतनी जल्दी उसकी लोकेशन मिलना अच्छे संकेत हैं। अब लैंडर से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। लैंडर से यदि रोवर बाहर आकर अपना काम करने लगेगा तो हमारा मिशन पूरी तरह सफल हो जाएगा।
गौरतलब है कि इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान टू को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भेजा था, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच सका है। हालांकि इससे पहले तीन देश चांद पर अपने यान भेज चुके हैं, लेकिन चांद की सतह पर पहुंचने से कुछ देर पहले ही विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया और इसी के साथ इसरो के वैज्ञानिकों के चेहरे मुरझा गए थे।