मेरे लिए बहू ही दहेज कहकर लौटा दिया सामान, सादगी में हुई शादी की रस्म Rampur News
स्वार के किसान कुलविंदर सिंह ने पेश की मिसाल। सिर्फ 11 बराती पहुंचे दुल्हन लेने लोगों ने की सराहना।
रामपुर, जेएनएन। दहेज का नाम सुनते ही जहां इसकी भयावह तस्वीर सामने आती है वहीं, इसके इतर दूसरी तस्वीर यह भी है कि एक व्यक्ति ने बेटे की शादी में मिला दहेज यह कहकर लौटा दिया, 'मुझे सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं बल्कि मेरे लिए तो बहू ही दहेज है। ऐसा कर उन्होंने समाज में एक आदर्श मिसाल पेश की है। यह सज्जन हैैं स्वार तहसील के किसान कुलविंदर सिंह । उनके इस निर्णय की सर्वत्र सराहना हो रही है।
यह है पूरा मामला
स्वार के ग्राम केशोनगली के कुलविंदर पाल सिंह के इकलौते बेटे सतवीर ङ्क्षसह की बुधवार को पटवाई थाना क्षेत्र के मिश्रीनगर बकैनिया गांव निवासी हरेंद्र सिंह की बेटी संदीप कौर के साथ हुई। लड़की के पिता ने दहेज में देने के लिए बाइक फ्रिज, कूलर, जेवर आदि सभी जरूरत का सामान रखा था। दुल्हन के चाचा भारतीय किसान यूनियन चमरौआ ब्लाक अध्यक्ष अमृतपाल ने बताया कि बरात में सिर्फ 11 लोग ही आए थे, जबकि हमने ज्यादा लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था की थी। हमें कुछ अजीब लगा। शादी के दौरान जब लड़के के पिता ने दहेज का सामान लेने से इन्कार कर दिया तो हम सभी चौंक गए। लगा कि कुछ गड़बड़ हो गई और लड़के के पिता नाराज हो गए हैं लेकिन, जब उन्होंने कहा कि मैं दहेज प्रथा के खिलाफ हूं। अपनी शादी भी बिना दहेज के की थी और अब बेटे की शादी में भी दहेज नहीं लूंगा। इसके बाद गुरुद्वारे में सादगी से शादी की रस्म अदायगी हुई। कुलविंदर ने बताया कि उन्होंने पहले ही तय कर रखा था कि वह शादी में दहेज नहीं लेंगे। दूसरे लोगों को भी दहेज नहीं लेना चाहिए।
समिति ने किया सम्मानित
शादी समारोह में मौजूद वीर खालसा सेवा समिति के अध्यक्ष अवतार ङ्क्षसह उनके इस फैसले से बेहद प्रभावित हुए और कुलविंदर को अपनी संस्था की ओर से सम्मानित किया। कहा कि समाज में दहेज प्रथा कोढ़ के समान है।