पीओके में ली थी बम बरसाने की ट्रेनिग
- पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में लश्कर ए तैयबा के कैंप में आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी
मुस्लेमीन, रामपुर : आतंकवादियों ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर बम बरसाने की ट्रेनिग पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में लश्कर-ए-तैयबा कैंप में ली थी। वहां से ट्रेनिग लेने के बाद सबाउद्दीन, इमरान शहजाद, मुहम्मद फारुक ने हमले की प्लानिग तैयार की और फिर रेकी करने के बाद हमले को अंजाम दिया। यह कहना है मुकदमे के विवेचना अधिकारी रहे सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक सत्य प्रकाश शर्मा का। आतंकियों ने जब यह हमला किया था तब शर्मा रामपुर में सिविल लाइंस थाने के प्रभारी थे।
वह बताते हैं कि उन दिनों जम्मू कश्मीर में सीआरपीएफ जवानों ने कई आतंकवादियों को मार गिराया था, इसका बदला लेने के लिए आतंकवादियों ने सीआरपीएफ पर हमला करने का प्लान बनाया। खुफिया एजेंसियों ने यह इनपुट भी दिया था। वह बताते हैं कि मुजफ्फराबाद से ट्रेनिग के बाद सबाउद्दीन को हमला करने के लिए ग्रुप कमांडर बनाकर भेजा गया था। उसने रामपुर पहुंचकर खजुरिया के मुहम्मद शरीफ से संपर्क साधा। दोनों पहले से परिचित थे। इसके लिए उसे मोटी रकम दी गई। सबाउद्दीन ने शरीफ को साथ लेकर सीआरपीएफ कैंप की रेकी की। तब सीआरपीएफ के अंदर आने-जाने पर कोई रोक नहीं थी। रेकी करने के बाद ही हमले को अंजाम दिया था। पाकिस्तानी आतंकी इमरान शहजाद, मुहम्मद फारुक और शरीफ ने कैंप के अंदर जवानों पर फायरिग की और बम बरसाए, जबकि सबाउद्दीन गेट पर तैनात रहा। उसने भी फायरिग की। इस हमले में सात जवान शहीद हो गए, एक रिक्शा चालक की भी मौत हो गई थी। अदालत ने इन चारों के अपराध को गंभीर माना और फांसी की सजा सुनाई।
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पैदल भागे थे हमलावर
हमला करने के बाद आतंकी पैदल ही मूंढापांडे की ओर भाग निकले थे। कोसी नदी पार करने के बाद मिलक कामरु गांव में जंग बहादुर के घर पहुंचे। जंग बहादुर शरीफ का रिश्तेदार भी है। उसके घर इनका पहले से आना-जाना था। जंग बहादुर के घर रात बिताने के बाद दूसरे दिन आतंकी चले गए थे। घटना की प्लानिग में जंग बहादुर का भी हाथ रहा। कई गवाहों ने उसके भी हमले में शामिल होने की बात कही। वह शरीफ का रिश्तेदार है और कई बार उसके साथ बांग्लादेश भी गया था। शर्मा के मुताबिक मुंबई का फहीम अंसारी भी हमले के षडयंत्र में शामिल था।
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