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रामपुर में शाही खजाना पाने को नवाब के वंशज बनकर पहुंच रहे कोर्ट Rampur News

नवाब खानदान में संपत्‍त‍ि के व‍िवाद में एक नया मोड आ गया है। पहले सोलह ह‍िस्‍सेदार थे ही अब और कई लोग नवाब का वंशज होने का दावा करते हुए कोर्ट में अर्जी लेकर पहुंच गए है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 06:53 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 06:53 PM (IST)
रामपुर में शाही खजाना पाने को नवाब के वंशज बनकर पहुंच रहे कोर्ट Rampur News
रामपुर में शाही खजाना पाने को नवाब के वंशज बनकर पहुंच रहे कोर्ट Rampur News

रामपुर (मुस्लेमीन)। नवाब खानदान में अरबों रुपये की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। इसमें 16 हिस्सेदार हैं। इसके अलावा कई नए दावेदार खुद को नवाब का वंशज बताते हुए कोर्ट में अर्जी लेकर पहुंच रहे हैं। ये लोग संपत्ति में हिस्सेदार बनना चाहते हैं लेकिन, बात नहीं बन पा रही है। अदालत ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है। अब वे हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं।सुप्रीम कोर्ट ने पांच माह पहले रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खां की संपत्ति के बंटवारे के आदेश दिए थे। बंटवारे की जिम्मेदारी जिला जज को सौंपी गई है। संपत्ति के हिस्सेदारों में नवाब रजा अली खां के बेटे-बेटियां और नाती-पोते शामिल हैं, लेकिन अब इनके अलावा और भी दावेदार सामने आ रहे हैं। ये लोग नवाब रजा अली खान के भाई और बहनों के नाती पोते हैं। इनमें एक दावेदार नवाब रजा अली खां की बहन कुलसुम बेगम उर्फ नन्ही बेगम के पोते साहबजादा सलमान अली खान भी शामिल हैं।

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नवाब की बहन के पोते ने किया दावा

नवाब की बहन कुलसुम बेगम उर्फ नन्ही बेगम के पोते साहबजादा सलमान अली खान का कहना है कि शरीयत के हिसाब से उनका भी हिस्सा बनता है। रामपुर के मर्जर एग्रीमेंट में भी उनकी दादी का नाम शामिल है। उनके चाचा सैयद स्वाले मियां ने 2013 में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। उसमें उनके पिता सैयद जाफर अली खां का नाम भी शामिल रहा। इस अर्जी में पहले से चल रहे बंटवारे के मुकदमे में उन्हें भी शामिल करने का आग्रह किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पांच माह पहले जो फैसला सुनाया है, उसमें उनकी अर्जी निस्तारित करते हुए कहा कि वह अपना हक जताने के लिए सिविल कोर्ट में वाद दायर कर सकते हैं। अब सलमान के पिता और चाचा की मौत हो चुकी है। इसलिए उन्होंने खुद जिला जज की कोर्ट में भी प्रार्थना पत्र दिया। इसमें सलमान खान के साथ ही उनकी बहन समन अली खान, शहरुत अली खान, मां शहजादी मेहरुन निशा बेगम और चाचा स्वर्गीय स्वाले अली खान की बेटी सायरा अली खान और शहवार अली खान भी शामिल हैं।

नवाब के भाई के पोते और पोती भी आगे आए

नवाब रजा अली खान के भाई जाफर अली खां उर्फ मझले साहब के पोते अली और पोती अतिया व राना की ओर से भी कोर्ट में अर्जी लगाई गई। नवाब रजा अली खां की एक और बहन सफदर मियां की बेटी हिना सफदर ने भी कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे जिला जज ने खारिज कर दिया।

हाईकोर्ट जाएंगे सलमान

सलमान के वकील चेतन माथुर का कहना है कि जिला जज ने माना कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में इन्हें संपत्ति बांटने का आदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सुप्रीम कोर्ट ने बंटवारे के आदेश कर दिए हैं। दूसरी तरफ हमारे पक्ष को सिविल कोर्ट जाने को कहा है। जिला जज ने जो प्रार्थना पत्र खारिज किया है, उस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। उन्होंने बताया कि जुगनू खां की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया था। जुगनू खां की मां भी रजा अली खां की बहन थीं।

हमारा हक बनता है

साहबजादा सलमान खान का कहना है कि 1972 में जब नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां ने अपने बड़े भाई नवाब मुर्तजा अली खां के खिलाफ वाद दायर किया था तब वह उनके घर आए थे और मुकदमे में शामिल होने को कहा था। तब हमारे वालिद और चाचा ने यह कह दिया था कि खानदान में मुकदमेबाजी ठीक नहीं रहेगी। हमें उम्मीद है कि हमारा जो हक है, वह हमें मिलेगा। जब यह मामला तय नहीं हो सका तो 2013 में हमारे चाचा स्वाले मियां और नवाब रजा अली खां की बहन सिकंदर जहां बेगम उर्फ नवाब बेगम के पौत्र जुनैद रजा खां ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।

संपत्ति 16 हिस्सों में ही बंटेगी

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता कई हिस्सेदारों के वकील हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने बंटवारे के लिए हिस्सेदारों के नाम घोषित कर दिए हैं। सूची में 18 नाम हैं, जिनमें दो की मौत हो चुकी है। 16 बचे हैं, उनमें ही संपत्ति बंटेगी। इसलिए जिला जज ने नए दावेदारों के प्रार्थना पत्र खारिज किए हैं। आखिरी नवाब रजा अली खां की संपत्ति का बंटवारा हो रहा है, जो उनकी औलाद के बीच होगा, जबकि नए दावेदार खुद को नवाब रजा अली खां के पिता नवाब हामिद अली खां के वारिस बताकर हिस्सा मांग रहे हैं।


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