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दारोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

रामपुर : आधी रात को बिना वारंट घर में घुसने, गृह स्वामी को बिना कारण थाने लाने और दो लाख रुपये लेकर छोड़ने के गंभीर आरोप में थाना शहजादनगर पुलिस फंस गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:12 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:12 PM (IST)
दारोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा
दारोगा समेत आठ पुलिस कर्मियों पर मुकदमा

रामपुर : आधी रात को बिना वारंट घर में घुसने, गृह स्वामी को बिना कारण थाने लाने और दो लाख रुपये लेकर छोड़ने के गंभीर आरोप में थाना शहजादनगर पुलिस फंस गई है। गृह स्वामी के प्रार्थना पत्र पर अदालत ने थाने के पूर्व प्रभारी समेत आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ परिवाद दर्ज किया है। अदालत ने यह परिवाद जुठिया गांव के मोहम्मद यारूफ अहमद उर्फ नन्हा के प्रार्थना पत्र पर दर्ज किया है।

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उन्होंने अपने अधिवक्ता अशोक कुमार पिप्पल के माध्यम से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया था। वह जाति से कुरैशी हैं। इसी कारण से पुलिस उन पर गोवंशीय के झूठे आरोप लगाकर अवैध वसूली करती थी। उनके पिता की हत्या हुई थी, जिसमें गांव के एक रसूखदार व्यक्ति का नाम प्रकाश में आया था। उसकी पुलिस से साठगांठ है। पुलिस उसके इशारे पर ही झूठे आरोप लगाती रही और बिना वजह मानसिक और आíथक उत्पीड़न करती रही। आरोप है कि 19 जनवरी की रात करीब तीन बजे वह अपने घर पर सो रहे थे। इसी दौरान शहजादनगर थाने की पुलिस आ गई। बिना किसी सर्च वारंट के घर में तलाशी ली। महिलाओं के साथ तलाशी के नाम पर अश्लीलता की। उन्होंने जब विरोध किया तो पुलिस ने मारपीट की और उन्हें जबरन अपने साथ जीप में डालकर थाने ले गई। उसे गोकशी और चरस के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। एनकाउंटर करने की बात करके डराते रहे। बाद में छोड़ने के नाम पर दो लाख रुपये की डिमांड की। तब मजबूरन परिजनों ने रात में ही रिश्तेदारों से उधार लेकर पुलिस को दो लाख रुपये देकर छुड़ाया। पुलिस ने छोड़ते समय धमकी दी कि यदि किसी को रुपये लेने की बात कही तो एनकाउंटर कर देंगे। उसने इस घटना की शिकायत पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों से की। मानवाधिकार आयोग को भी लिखा। कार्रवाई न होने पर अदालत की शरण ली। उनके अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने प्रार्थना पत्र पर परिवाद दर्ज कर लिया है, जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार, एसएसआइ लखपत ¨सह, दारोगा नवाब नागर, सिपाही कपिल त्यागी, प्रदीप और रघुवीर को नामजद किया है। दो की पहचान नहीं हो सकी है। अदालत अब इस परिवाद पर 13 मार्च को सुनवाई करेगी। नियत तिथि पर परिवादी के बयान दर्ज किए जाएंगे।

उधर, तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार ने बताया कि आरोप झूठा है। उनके कार्यकाल में थाना क्षेत्र का एक बड़ा गो तस्कर झम्मन वांछित चल रहा था। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही थी। उसने ही अपने किसी परिचित से यह झूठा परिवाद दर्ज कराया है।


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