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अदालत ने आजम के जौहर ट्रस्ट पर डाला सौ रुपये जुर्माना

रामपुर साक्ष्य उपलब्ध न कराने और बार-बार समय मांगने पर अदालत ने सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट पर सौ रुपये जुर्माना डाला है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 30 Oct 2020 12:31 AM (IST)Updated: Fri, 30 Oct 2020 12:31 AM (IST)
अदालत ने आजम के जौहर ट्रस्ट पर डाला सौ रुपये जुर्माना
अदालत ने आजम के जौहर ट्रस्ट पर डाला सौ रुपये जुर्माना

रामपुर : साक्ष्य उपलब्ध न कराने और बार-बार समय मांगने पर अदालत ने सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट पर सौ रुपये जुर्माना डाला है। अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने यह कार्रवाई जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों के मुकदमे की सुनवाई के दौरान की। साथ ही आगे समय न देने की चेतावनी भी दी है।

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सांसद की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर शुरू से ही विवाद है। पिछले साल जुलाई में जमीन कब्जाने के आरोप में आजम के खिलाफ 30 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इनमें 26 मुकदमे किसानों ने दर्ज कराए थे। प्रशासन ने उन्हें भूमाफिया भी घोषित कर दिया था। इडी ने भी उनके खिलाफ केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने शासन में शिकायत दर्ज कराई कि यूनिवर्सिटी की जमीन खरीदने के मामले में नियमों का उल्लंघन किया गया। ट्रस्ट को प्रदेश सरकार ने 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन खरीदने की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी थी। ट्रस्ट ने परमीशन लेने के लिए यूनिवर्सिटी में गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने और चैरिटी का कार्य करने की बात कही थी। लेकिन, ऐसा नहीं किया। इस पर प्रशासन ने जांच-पड़ताल कराई तो आरोप सही पाए गए। इसी आधार पर अपर जिला अधिकारी की अदालत में मुकदमा दायर किया गया। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है। साक्ष्य पेश करने के लिए भी कई तारीखें पड़ चुकी हैं। ट्रस्ट के अधिवक्ता कोर्ट से समय की मांग कर लेते हैं। पिछली बार 21 अक्टूबर को भी समय मांगा था। तब अदालत ने अंतिम मौका देते हुए तारीख दी थी। जिला शासक्तीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि इस बार भी ट्रस्ट के अधिवक्ता ने समय की मांग की। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कहा कि साक्ष्य पेश करने के बजाय बार-बार समय की मांग की जा रही है। इससे मुकदमे के निस्तारण में देरी हो रही है। इसलिए ट्रस्ट पर 100 रुपये जुर्माना डाल दिया। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि उनके अधिवक्ता ने जुर्माने की रकम जमा कर दी है। अब अगली सुनवाई नौ नवंबर को होगी। यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा कर सकती है सरकार

रामपुर: शर्तों का उल्लंघन करने में फंसी जौहर ट्रस्ट के हाथ से यूनिवर्सिटी की जमीन निकल सकती है। अगर अदालत ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया तो इस जमीन पर सरकार कब्जा कर सकती है। यूनिवर्सिटी क सारी जमीन ट्रस्ट के ही नाम है।


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