नालों की सफाई में देरी मतलब जलभराव
शहर में नालों की सफाई पर हर साल नगर पालिका लाखों रुपये खर्च करती है।
रामपुर : शहर में नालों की सफाई पर हर साल नगर पालिका लाखों रुपये खर्च करती है। पिछले साल भी लगभग 48 लाख रुपये नालों की सफाई पर खर्च किए गए। इसके बावजूद सप्ताहभर पहले मानसून की पहली बारिश ने नालों की सफाई व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी थी। शहर के सभी नाले ओवरफ्लो हो गए थे। शहर की कई कालोनी और सड़कों पर जलभराव के कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। कई आला अधिकारियों के आवास परिसर में पानी भर गया था, जिसको नगर पालिका ने पंपिग सेट से निकाला।
बारिश के दौरान डीएम आन्जनेय कुमार सिंह ने कई मुहल्लों में जाकर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया था। कालोनियों में जलभराव को देखकर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को बरसात से पूर्व शहर में जलभराव की समस्या दूर करने के निर्देश दिए थे। इस पर मानसून की पहली बारिश के बाद शहर में जगह-जगह हुए जलभराव को देखते हुए नगर पालिका भी चेत गई। नालों की सफाई के लिए स्टीमेट प्रक्रिया शुरू कर दी और नालों की चैनेलाइजेशन का काम शुरू करा दिया। कालोनियों में चौक पड़े नाले-नालियों की रोजना सफाई कराई जा रही है। इसके अलावा जिन बड़े नालों तक जेसीबी आसानी से जा सकती है। वहां पर नालों में अटे कूड़े को जेसीबी से हटाने का काम किया जा रहा है। इनमें एलआइसी, शौकत मार्ग, चीनी मिल पुलिया, बरेली गेट से चीनी मिल तक, गांधी समाधि से जिला अस्पताल तक, डिग्री कालेज से मजार तक जाने वाले नालों की सफाई कराई जा रही है। जिससे बरसात के मौसम में नाले अटे होने के कारण जलभराव न हो। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी इंदू शेखर मिश्रा ने बताया कि बरसात का मौसम शीघ्र शुरू होने वाला है। इसको देखते हुए नगर पालिका ने अपने संसाधनों के द्वारा नाले-नालियों की सफाई का काम शुरू करा दिया है। रोजाना सफाई कर्मचारी नाले-नालियों की सफाई कर रहे हैं। इसके अलावा शहर के बड़े नालों में चैनेलाइजेशन का कार्य पिछले कई दिनों से चल रहा हैं। इसके तहत नालों में बारिश का पानी न रुके इसके लिए जेसीबी से सफाई का कार्य कराया जा रहा है। लगभग 25 प्रतिशत नालों के चैनेलाइजेशन का कार्य कराया जा चुका है शेष कार्य जल्द निपटाने का प्रयास किया जा रहा है।